देहरादून। डीआईटी विश्वविद्यालय ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है, विश्वविद्यालय ने एनआईआरएफ इंडिया रैंकिंग्स 2025 (फार्मेसी श्रेणी) में देशभर में 83वां स्थान प्राप्त किया है। शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी इन रैंकिंग्स में लगातार दूसरे वर्ष शामिल होना विश्वविद्यालय की शैक्षणिक व अनुसंधान उत्कृष्टता के प्रति सतत प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस वर्ष देशभर के 594 प्रमुख फार्मेसी संस्थानों ने भाग लिया जिनमें बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, पंजाब विश्वविद्यालय, एनआईपीईआर, जामिया हमदर्द और बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान भी शामिल थे। देशभर में 7,000 से अधिक फार्मेसी कॉलेजों की उपस्थिति में यह उपलब्धि डीआईटी विश्वविद्यालय की बढ़ती प्रतिष्ठा और गुणवत्ता को दर्शाती है। एनआईआरएफ के विभिन्न मानकों पर डीआईटी विश्वविद्यालय ने सराहनीय प्रदर्शन किया जिसमें टीचिंग, लर्निंग एंड रिसोर्सेज (62.88) व आउटरीच एंड इंक्लूसिविटी (61.58) में उत्तराखंड में सर्वोच्च स्थान, रिसर्च एंड प्रोफेशनल प्रैक्टिस (32.34), ग्रेजुएशन आउटकम्स (38.19), परसेप्शन (11.79) और कुल स्कोर 43.54 शामिल है। कुलपति प्रो. जी. रघुरामा ने कहा कि यह उपलब्धि हमारे शैक्षणिक समुदाय की निष्ठा को दर्शाती है और शिक्षण-प्रशिक्षण तथा समावेशन में हमारा उत्कृष्ट प्रदर्शन छात्र-केंद्रित शिक्षा, समावेशिता और अनुसंधान-आधारित प्रगति की हमारी प्रतिबद्धता को सिद्ध करता है। डीन प्रो. गिरीराज टी. कुलकर्णी ने कहा कि फार्मेसी संकाय उच्च गुणवत्ता वाले शिक्षण, प्रभावी अनुसंधान, उद्यमिता और सामुदायिक जुड़ाव के माध्यम से एक गतिशील विभाग बनने के विज़न पर कार्यरत है और रिसर्च सीड ग्रांट, छात्र नवाचार परियोजनाएँ, आधुनिक अनुसंधान उपकरण तथा उद्योग सहयोग हमारी शोध क्षमता को सुदृढ़ कर रहे हैं। विभागाध्यक्ष प्रो. मनदीप अरोड़ा ने कहा कि हमारा लक्ष्य सर्वोत्तम शिक्षा प्रदान करना, नवाचार को प्रोत्साहित करना और फार्मास्यूटिकल साइंसेज़ एवं स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए भविष्य-तैयार पेशेवर तैयार करना है तथा बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) और गुणवत्तापूर्ण शोध प्रकाशनों में हमारी सक्रियता हमें अनुसंधान-आधारित संस्थान के रूप में पहचान दिलाती है। फार्मेसी संकाय के अंतर्गत बी. फार्म प्रोग्राम (लेट्रल एंट्री सहित – 100 सीटें), एम. फार्म प्रोग्राम (फार्मास्युटिक्स एवं फार्माकोलॉजी – 15 सीटें प्रत्येक) और पीएच.डी. प्रोग्राम (मार्गदर्शक की उपलब्धता पर आधारित) संचालित किए जाते हैं जो कठोर शैक्षणिक प्रशिक्षण, अनुसंधान नवाचार और सामुदायिक सेवा का समन्वय करते हैं। विश्वविद्यालय को एनआईआरएफ के अतिरिक्त अन्य प्रतिष्ठित राष्ट्रीय सर्वेक्षणों में भी मान्यता प्राप्त है जिसमें आउटलुक–आईकेयर रैंकिंग 2025 में उत्तराखंड का नं. 1 प्राइवेट यूनिवर्सिटी एवं भारत में 43वां स्थान और द वीक–हंसा सर्वेक्षण 2025 में उभरते बहु-विषयी विश्वविद्यालयों की श्रेणी में भारत में 22वां स्थान शामिल है। लगातार प्राप्त हो रही ये राष्ट्रीय मान्यताएँ डीआईटी विश्वविद्यालय की पहचान को फार्मेसी शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार के प्रमुख केंद्र के रूप में और मजबूत करती हैं तथा छात्रों, अभिभावकों, शिक्षाविदों और उद्योग जगत का विश्वास बढ़ाती हैं।