पिथौरागढ़। धारचूला उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में काली नदी के किनारे बसा एक खूबसूरत सीमांत कस्बा है। यह भारत और नेपाल की सीमा पर स्थित है और काली नदी दोनों देशों को अलग करती है। इसकी ऊँचाई लगभग 900 से 950 मीटर है। धारचूला पिथौरागढ़ शहर से लगभग 92 किमी, दिल्ली से करीब 570 किमी, काठगोदाम रेलवे स्टेशन से लगभग 330 किमी दूर है।
धारचूला की सबसे खास बात यह है कि यहाँ भारत और नेपाल की ओपन सीमा है। नदी के दोनों ओर भारत का धारचूला और नेपाल का दारचूला बसे हैं और इन्हें जोड़ने वाला पुल लोगों के रोजमर्रा के आवागमन का मुख्य साधन है। बाजार भी दोनों तरफ फैला हुआ लगता है और लोग बिना पासपोर्ट वीज़ा के आसानी से आ जा सकते हैं। काली नदी पर बना पुराना झूला पुल बहुत फोटोजेनिक है और नया कंक्रीट पुल भी अब उपयोग में है।
यह जगह तीर्थयात्रियों के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यहीं से आदिकैलाश और ओम पर्वत यात्रा शुरू होती है। हर साल हजारों श्रद्धालु और ट्रेकर्स धारचूला में रुकते हैं। इसके अलावा पंचचूली बेस कैंप, दारमा घाटी, व्यास घाटी और चौदांस घाटी के ट्रेक भी यहीं से शुरू होते हैं। यहाँ की रंग, शौका और दारमी जनजातियाँ अपनी अनोखी संस्कृति, हस्तशिल्प और ऊनी कपड़ों के लिए जानी जाती हैं।
मौसम की बात करें तो अप्रैल से जून तक यहाँ का मौसम बहुत सुहावना रहता है। जुलाई और अगस्त में मानसून के समय भूस्खलन का खतरा बढ़ जाता है। नवंबर से फरवरी तक सर्दियाँ काफी ठंडी पड़ती हैं और कभी कभी बर्फबारी भी हो जाती है। धारचूला के पास जौलजीबी लगभग 20 किमी, चिरकिला डेम, नारायण आश्रम और छियालेक जैसी जगहें बहुत आकर्षक हैं।




