देहरादून, आचार संहिता लागु होने के बावजूद बैकडेट पर शिक्षकों के तबादलों लिस्ट का आना जारी हैं। शिक्षकों के बैकडेट पर समायोजन का काम परदे के पीछे जारी है। प्रदेश में कई शिक्षकों के तबादले का आधार विशेष परिस्थिति बताया गया है। किन वह विशेष परिस्थिति क्या है, यह तथ्य बताया नहीं गया है। और तो और कुछ शिक्षकों को जॉइनिंग के लिए स्कूलों के सात विकल्प तक दे दिए गए हैं।
शिक्षा विभाग ने तबादला कानून को पूरी तरह ताक पर रख दिया है। अब तक केवल तबादला कानून के तहत गठित मुख्य सचिव समिति की सिफारिश के आधार पर प्रदेश में तबादले किए जा रहे थे। अब ‘उच्च स्तर’ के निर्देश पर कुल 134 माध्यमिक शिक्षकों के ताबड़तोड़ तबादले कर दिए गए। दिलचस्प बात यह भी है कि कई शिक्षकों के आदेश में उनकी पोस्टिंग के लिए उन्हें छह से सात विकल्प दिए गए हैं। मजे की बात ये है कि सभी तबादला आदेश आचारसंहिता से ठीक एक दिन पहले सात जनवरी की तारीख में जारी से किए जा रहे हैं।
तबादला सत्र शून्य होने के बावजूद हो रहे मनमाने तबादलों से आम शिक्षक हैरान है। शिक्षकों का कहना है कि जब सरकार को तबादले करने ही थे तो फिर भला तबादला सत्र शून्य करने की जरूरत ही क्या थी? 8 जनवरी को आचार संहिता लागु होने के बाद शिक्षा सचिव आर. मीनासी सुंदरम ने सात जनवरी की तारीख में तबादलों के तीन अलग अलग लिस्ट जारी की है। विपक्ष इन शिक्षा विभाग समेत अन्य विभागों में हो रहे तबादलों पर सवाल उठा रहा है।
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