- किसान कानूनों के खिलाफ किसान सभा का जिला मुख्यालय में प्रदर्शन
- जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को भेजा ज्ञापन, किसान कानूनों को वापस लेने की मांग की
देहरादून, 27नवम्बर अखिल भारतीय किसान सभा ने आज किसान विरोधी कानून के खिलाफ आज जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया तथा जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा गया।
ज्ञापन में केंद्र सरकार से अखिल भारतीय किसान सभा ने देशव्यापी इस प्रदर्शन के माध्यम से पुनः जनहित में मांग की, अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति कुछ स्वतंत्र किसान समूहों द्वारा आज देशभर में 5 नवंबर से 4 घंटे चक्का जाम-रास्तो रोको आदि कार्यवाहियां इसलिए आयोजित की जा रही है कि किसानों के भारी विरोध के बावजूद भी सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में मार्केटिंग के सन्दर्भ तीन विधेयक संसद में पारित कर कानून बनाये गये हैं। सरकार द्वारा किसानों के आन्दोलन तथा विपक्षी दलों सांसदों के भारी विरोध को अनसुना किया गया जो कि खेदजनक है। देश के किसान कई महीनों से आन्दोलित हैं। हमारे संगठनों का स्पष्ट मानना है कि इन विधेयकों का कानून बनने के बाद कृषि क्षेत्र बड़े घरानों की चरवाह बन जाऐगा और किसानों की स्थिति पहले से भी बदतर हो जाऐगी। सरकार द्वारा इन तीन कानूनों को लागू कर किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य, मण्डियों का अधिकार छीन कर किसान की आजीविका पर सीधे तौर पर हमला किया जिसका दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे और देश की खाध्य व्यवस्था जिसका लाभ अब तक आम जरूरतमन्दों को भी मिला करता था। इस लाभ से वह वंचित हो जाऐगा। केंद्र सरकार न इन कानूनों के माध्यम से किसानों को न्यायालय जाने के अधिकार से वंचित कर दिया है तथा किसान को नौकरशाही, लालफीताशाही के भरोसे छोडकर कारपोरेट तथा बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को खुलकर लूटने की छूट दे दी है ।जो कि खेदजनक है परिणामस्वरूप पहले से ही संकटग्रस्त कृषि क्षेत्र भविष्य में और भी अधिक दिक्कतें आ जाऐंगी और किसान आत्महत्याओं में भी वृध्दि होगी। अब इस कानून के माध्यम से हमारे देश का कारपोरेट तथा बहुराष्ट्रीय भीमकाय कम्पनियों खेती किसानी का खुलकर लूट करेंगे। अतः इस प्रदर्शन के माध्यम से पुरजोर मांग करते हैं कि केंद्र सरकार तत्काल जनहित में इन काले कानूनों को वापस लें।
जिलामुख्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में दलजीत सिंह, कमरूद्दीन, सुरेन्द्र सिंह सजवाण ,महामन्त्री गंगाधर नौटियाल, शिवप्रसाद देवली, माला गुरूग ,राजेंद्र पुरोहित ,सतपाल ,सुन्दर था पा ,राजेन्द्र सिंह नेगी ,लेखराज नितिन मलेठा ,अनन्त आकाश ,पुरुषोत्तम बडोनी ,शम्भू प्रसाद ममगाई ,रिजवान ,समीम,गुमानसिह,कामिल ,मकसूद ,जगदीश,सपना ,राधा ,नेहा, अर्जुन रावत ,रविन्द्र नौडियाल विजय भट्ट आदि मौजूद थे।