- केंद्र सरकार ने देहरादून-मसूरी एरियल पैसेंजर रोपवे के लिए आईटीबीपी की 1500 वर्ग मीटर जमीन उत्तराखंड सरकार को हस्तांतरित करने की मंजूदी दी
- देहरादून-मसूरी बीच एरियल पैसेंजर रोपवे सिस्टम बनने के बाद राज्य के पर्यटन पर बेहद सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
- इसके बनने से देहरादून से मसूरी की यात्रा का समय घटकर 20 मिनट हो जाएगा। मसूरी आने वाले पर्यटकों को बङी सुविधा मिलेगी
- यह विश्व के पांचवे सबसे लंबे मोनो-केबल डिटैचेबल पैसेंजर रोपवे में से एक होगा। इसके बनने से देहरादून से मसूरी की यात्रा का समय घटकर 20 मिनट हो जाएगा।
देहरादून/नई दिल्ली, आज भारत सरकार की कैबिनेट मीटिंग में देहरादून-मसूरी के बीच एरियल पैसेंजर रोपवे सिस्टम के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की मसूरी में 1500 वर्ग मीटर भूमि को बाज़ार दरों पर उत्तराखंड सरकार को हस्तांतरित मंजूरी दे दी गई है।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह व केन्द्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल का आभार व्यक्त किया और कहा की इनकी सकारात्मक पहल बिना यह आसान नहीं था। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी का उत्तराखण्ड से विशेष लगाव है। राज्य के विकास में उनका मार्गदर्शन और सहयोग हमेशा मिलता है।
इस एरियल पैसेंजर रोपवे के बनने के बाद राज्य के पर्यटन पर बेहद सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। भारत सरकार की इस परियोजना को पीपीपी मोड के तहत विकसित किया जाएगा। इसके लोअर टर्मिनल की ऊंचाई 958.20 मीटर होगी और अपर टर्मिनल स्टेशन की ऊंचाई 1996 मीटर होगी। 258 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले इस रोपवे की यात्री वहन क्षमता एक तरफ से 1000 यात्री प्रति घंटा है। इस रोपवे के बनने के बाद राज्य के पर्यटन पर बेहद सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। यह पर्यटकों के लिए आकर्षण का एक बड़ा केंद्र होगा। यह विश्व के पांचवे सबसे लंबे मोनो-केबल डिटैचेबल पैसेंजर रोपवे में से एक होगा। इसके बनने से देहरादून से मसूरी की यात्रा का समय घटकर 20 मिनट हो जाएगा। मसूरी आने वाले पर्यटकों को बङी सुविधा मिलेगी तथा मसूरी में वाहनों का दबाव कम होगा और वाहनों को पार्किंग की समस्या से कुछ निजात मिलेगी। यह पर्यटकों के लिए आकर्षण का एक बड़ा केंद्र होगा और इससे राज्य के विकास को भी गति मिलेगी। रोपवे सिस्टम बनने के बाद राज्य के पर्यटन भी बढ़ेगा।