देहरादून, भाजपा ने अल्पसंख्यक तुष्टीकरण की छिपी मंशा को लेकर कॉंग्रेस पर निशाना साधा है। पार्टी की तरफ से आधिकारिक प्रतिकृया देते हुए प्रदेश प्रवक्ता सुरेश जोशी ने मांग की है कि कॉंग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत की चुनौती के अनुरूप, नमाज को लेकर अवकाश का शासनादेश सामने आने के बाद अब हरीश रावत को राजनीति से सन्यास ले लेना चाहिए। उन्होने आरोप लगाते हुए कहा कि कॉंग्रेस के तमाम नेता अपने सिर पर उत्तराखंड की टोपी और जेब में जालीदार टोपी रखते हैं। तभी तो एक खास वर्ग को खुश करने के लिए जब कॉंग्रेस सरकार में रहती हैं तो नमाज के लिए अवकाश घोषित करते हैं और जब सत्ता से बाहर रहते हैं तो मुस्लिम यूनिवर्सिटी खोलने का वादा करते हैं।
उन्होने उत्तराखंड की जनता को सावधान करते हुए कहा कि कॉंग्रेस जनता के सामने अपना सुविधावादी हिन्दू का चेहरा बनाए रखने के लिए बंद कमरों में तो मुस्लिम यूनिवर्सिटी खोलने और नमाज पर ऑफिस बंद करने के वादे करती है लेकिन बविरोध होने पर सार्वजनिक मंचों पर मुकरने लगती है। इस तरह के तमाम घटनाक्रम स्पष्ट करते हैं कि कॉंग्रेस की मंशा उत्तराखंड और देश की राष्ट्रवादी जनता के प्रति हमेशा से विद्धेक्षित रही है। इसी कॉंग्रेस के नेता वर्षों तक अलग राज्य निर्माण को अपनी लाश पर होने की धमकी देकर सरकारों को ब्लैकमेल करते रहे, कुछ नेता केंद्र शासित राज्य का शिगूफ़ा छोड़ कर आंदोलन को भटकाते रहे, राज्य निर्माण पर सत्ता में आए तो सूबे को लौटने का लाइसेन्स देते कैमरे पर नज़र आए और अब यही कोंग्रेसी नेता उत्तराखंडियत की बात कर रहे हैं।
उन्होने आशंका जाहिर करते हुए कहा कि हो न हो कॉंग्रेस का भूसुधार कानून के वादे के पीछे भी एक खास समुदाय वर्ग को पहाड़ों में बसाने की योजना हो सकती है। सुरेश जोशी ने कहा कि कॉंग्रेस की विश्वसनीयता शून्य है और नियत साफ नहीं है लिहाजा जनता उनके झूठे घोषणापत्र के झांसे में नहीं आने वाली। इसलिए भाजपा अपनी डबल इंजन की सरकार के बेदाग और अभूतपूर्वक कार्यों के आधार पुनः जन आशीर्वाद से जीत कर आने वाली है।