21.8 C
Dehradun
Wednesday, October 15, 2025
spot_img

श्रीमद्भागवत भाव कथा का समापन

ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन ऋषिकेश में माँ गंगा की पावन गोद में आयोजित श्रीमद्भागवत भाव कथा का भव्य समापन हुआ। स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज एवं पूज्य साध्वी भगवती सरस्वती Sadhvi Bhagawati Saraswati के सान्निध्य में गोवत्स राधाकृष्ण महाराज के श्रीमुख से प्रवाहित कथा-रस ने सभी भक्तों को आध्यात्मिक आनन्द और मानसिक शांति से अभिसिंचित किया। पूज्य स्वामी ने नवरात्रि के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह पर्व केवल उपवास नहीं, बल्कि शक्ति-पूजन और आत्मसंयम का महोत्सव है। नौ दिन और नौ दिव्य ऊर्जाएँ साधक के जीवन में शक्ति, रचनात्मकता और आध्यात्मिक प्रगति का आलोक करती हैं। उन्होंने कहा, “कथा जीवन को दृष्टि, दिशा और प्रकाश देने वाली साधना है, जो भाव, विचार और व्यवहार में विलक्षण परिवर्तन लाती है।”
पूज्य साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि “गंगा तट पर कथा श्रवण अद्वितीय अनुभव है। गंगा केवल जलधारा नहीं, बल्कि शुद्धता और आध्यात्मिकता का प्रवाह है। गंगा जी ने मेरे जीवन को रूपांतरित किया और यही शक्ति आज भी प्रत्येक साधक को मिलती है।” गोवत्स पूज्य श्री राधाकृष्ण जी महाराज ने श्रीमद्भागवत के मधुर प्रसंगों से भक्तों को भक्ति, करुणा और संतोष का अमृतपान कराया। उन्होंने कहा कि गंगा तट की दिव्यता साधक को विशेष आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करती है। कथा आयोजक गिरिराज एवं एलएन ग्रुप, कोटा (राजस्थान) के समस्त प्रतिनिधियों ने परमार्थ परिवार का आभार व्यक्त कर भावभीनी विदाई ली। गंगा तट पर कथा का श्रवण—भक्ति, शक्ति और शांति का अद्वितीय संगम।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

spot_img
spot_img

Stay Connected

22,024FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles

- Advertisement -spot_img
error: Content is protected !!