देहरादून, महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने विधान सभा स्थित सभागार कक्ष में महिला कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक ली। मंत्री ने राज्य के सभी जिलों में महिला कल्याण विभाग के माध्यम से संचालित हो रही योजनाओं की प्रगति के संबंध में अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं में व्यवहारिक रूप से आवश्यक व जनहितैषी संशोधन किये जाएं जिससे आम जनमानस को योजनाओं का पूर्ण लाभ प्राप्त हो सके।
मंत्री ने कहा की राज्य के सभी जिलों में बच्चे आर्थिक सुरक्षा प्राप्त करते हुए बच्चे अच्छे शिक्षण संस्थानों शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। डबल सुरक्षा कवच के साथ पीएम केयर योजना से आच्छादित बच्चे वात्सल्य योजना से भी आच्छादित हैं। योजना के माध्यम से उधमसिंह नगर में योजना से आच्छादित बच्चों की कम संख्या पर मंत्री ने संबंधित जिला कार्यक्रम अधिकारी को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि अधिक से अधिक बच्चे स्पॉन्सरशिप योजना से आच्छादित हों ताकि इस योजना के तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता का लाभ उठा सकें।
मंत्री ने कहा कि विभाग के पास पृथक रूप से कोई ऐसी संस्था या भवन नहीं है जहां केवल मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों के देखरेख की व्यवस्था हो। सभी जनपदों में ऐसे बच्चों की संख्या को ध्यान में देखते हुए देहरादून, उधमसिंह नगर तथा हरिद्वार जिले में भवन निर्माण हेतु विभागीय अधिकारियों शीघ्र अतिशीघ्र प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने संस्थानों में क्षमता से अधिक बच्चों के होने की स्थिति में अतिरिक्त कक्षों के निर्माण, अन्य प्रकार के संसाधन व व्यवस्था हेतु जिला प्रोबेशन अधिकारियों को प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिये।
मंत्री ने कहा कि विभागीय अधिकारी आपसी सामंजस्य और बेहतर कार्य कुशलता के साथ कार्य करते हुए कैसे विभागीय योजनाओं का त्वरित लाभ आमजन तक शीघ्र अतिशीघ्र पहुंचा सकें, इस दिशा में कार्य करें। उन्होंने कहा कि विभागीय रिक्ति पदों के संबंध में शासन स्तर पर दिये गये निर्देशों का अनुपालन कड़ाई से हो ताकि योजनाओं का लाभ जनता तक ससमय मिल सके। घुमक्कड़ महिला तथा नशे के आदि बच्चों के संबंध में विभागीय अधिकारियों ने आवश्यक संशोधनों/आदेशों हेतु मंत्री का मार्गदर्शन मांगा। मंत्री ने इस संबंध में जल्द ही आदेश जारी करने के निर्देश दिये।
मंत्री ने कहा कि उधमसिंह नगर तथा हरिद्वार में मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना से आच्छादित बच्चों के छात्रावास की भूमि पर हो रहे अतिक्रमण का जिला प्रशासन के माध्यम से निराकरण किया गया।
इस अवसर पर सचिव महिला कल्याण, हरीश चन्द्र सेमवाल, निदेशक महिला कल्याण, प्रदीप सिंह रावत एवं अन्य विभागीय अधिकारीगण उपस्थित रहे।