- रात्रि चौपाल में मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से सुनी आम जन की समस्या।
- मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दुरस्थ क्षेत्र में चौपाल के माध्यम से लोगों की समस्याओं का समाधान करने के दिये निर्देश।
देहरादून 1 अप्रैल, मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने राजकीय प्राथमिक विद्यालय धोबीघाट, दुगड्डा में आयोजित रात्रि चौपाल में वर्चुअल तरीके से प्रतिभाग किया। चौपाल में आई 21 समस्याओं से 17 का मौके पर ही निस्तारण कर दिया गया। मुख्यमंत्री तीरथ ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जनता की समस्याओं को दिन रात एक करके समाधान करना है। सभी जिलाधिकारी/मुख्य विकास अधिकारी और अन्य अधिकारी दुरस्थ क्षेत्र में रात्रि विश्राम कर चौपाल के माध्यम से लोगों की समस्याओं का समाधान करें। कोई भी समस्या समाधान हेतु 1 माह से उपर का समय नही लगना चाहिए। राज्य में जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन करने के लिए अधिकारियों को 75 दिन का वर्क प्लान बनाने के निर्देश दिए गये हैं।
रात्रि चौपाल में ब्लॉक प्रमुख सुश्री रूची कैन्तुरा की दुग्गड्डा में आ रही मोबाईल कनेक्टीविटी प्राब्लम की शिकायत का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने एक सप्ताह के अन्दर सर्वे कराकर उक्त समस्या का निराकरण करने के निर्देश दिये। महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा मुख्यमंत्री को सब्जी उत्पादन एवं विक्रय में आ रही समस्याओं से अवगत कराया गया, मुख्यमंत्री द्वारा उद्यान विभाग के अधिकारियों को कैम्प लगाकर राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं से रूबरू कराकर जनता में जागरूकता लाने के निर्देश दिये गये। मुख्यमंत्री तीरथ ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा स्वरोजगार एवं स्वयं सहायता समूहों हेतु कई योजनायें चला रही है। बीज एवं कृषि यन्त्रों में सब्सीडी दी जा रही है, बिना ब्याज के ऋण मुहैया कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री तीरथ ने दुगड्डा क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं सहित महिला चिकित्सक की कमी की शिकायत का संज्ञान लेते हुए तुरन्त इस पर कार्यवाही करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज ही उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर निर्देश दिये है कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए दूरस्थ क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारने के लिए विशेष प्रयास किये किये जाने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग में रिक्त पदों के लिए शीघ्र अधियाचन भेजे जाय।
मुख्यमंत्री ने चौपाल में आई सभी समस्याओं को अधिकारियों से गंभीरता से लेने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता को किसी भी कार्य हेतु सरकारी दफ्तरों के चक्कर न लगाने पड़े। उन्होंने कहा कि जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही बर्दाश्त नही की जायेगी।