देहरादून, मुख्य सचिव डॉ एसएस संधु ने शुक्रवार को सचिवालय में जल संवर्द्धन को बढ़ाने के लिए प्रदेश में चैक डैम बनाए जाने में के संबंध में बैठक की। उन्होंने कहा कि जल संग्रहण के लिए पूरे प्रदेश में मास्टर प्लान के तहत चेक डैम बनाए जाए।
आपको बताते चलें कि चेक डैम एक अवरोध या एक तरह की दीवार है जो पहाड़ से बहने वाले प्राकर्तिक तथा वर्षा के जल को बहने से रोकता है और एक जलाशय बनाने में मदद करता है। इससे आसपास की जमीन का जमीनी जल स्तर की बढ़ोतरी होती है, बाढ़ आने से तो रुकती ही है, जमा किये गया जल द्वारा खेतों की सिंचाई के लिए जल की उपलब्धता भी होती है, जिससे कृषि-कार्य में सुविधा होती है तथा बर्फ़बारी से उत्पन्न स्थिति का समाना किया जा सकता है। चेक डैम द्वारा पन-बिजली उत्पन्न कर उसका उपयोग उद्योग-धंधों में ऊर्जा के रूप में प्रयोग भी किया जा सकता है। बाढ़ की रोकथाम में भी ये चेक डैम बहुत सहायक होता है।
मुख्य सचिव संधु ने कहा कि इसके लिए साइंटिफिक तरीके से दीर्घकालिक योजना के अंतर्गत मास्टर प्लान बनाने की जरूरत है। उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश में चेक डैम बनाए जाने के लिए मास्टर प्लान तैयार करें। वही फॉरेस्ट एरिया में वन विभाग के अधिकारियों को प्लान बनाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि जनपदों में सभी जिलाधिकारी चैक डैम बनाये जाने की मॉनिटरिंग कर अधिक से अधिक स्थानों पर चैक डैम के प्रस्ताव बनाएंगे। इसके अलावा लघु सिंचाई विभाग, ग्राम्य विकास विभाग व पंचायती राज विभाग भी अपने-अपने वार्षिक लक्ष्य निर्धारित करें। उन्होंने कहा कि मास्टर प्लान बनाए जाने के साथ-साथ वर्षभर चैक डैम बनते रहें। उन्होंने प्रदेश में प्रत्येक संभावित क्षेत्र को विशेषज्ञ से चिन्हित कराते हुए चेक डैम का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। इस बैठक में सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी, एसए मुरुगेशन के अलावा संबंधित विभागों के उच्च अधिकारी उपस्थित रहे।