देहरादून, उत्तराखण्ड में भाजपा-कांग्रेस के टिकटों के बटवारे के ऐलान के साथ कभी भी सियासी भूचाल आ सकता है। इसके सूत्रधार कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ही हो सकते हैं। सूत्रों की माने तो तो पिछले कई रोज से मौका तलाश रहे कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत बीजेपी को कई बार तेवर दिखा चुके हरक फिर दिल्ली के लिए रवाना हो गये हैं। कहा जा रहा है कि एक विधायक समेत कल यानि सोमवार को वो दिल्ली में कांग्रेस में शामिल होे सकते हैं। बताया जा रहा है कि उनके साथ रायपुर के विधायक उमेश शर्मा काऊ भी हैं। दरअसल उत्तराखंड का सियासी चरित्र देखते हुए सभी चुनाव रणनीतिकार ये मान कर चल रहे है कि इस बार प्रदेश में कांग्रेस की ही सरकार बनेगी। हरक सिंह रावत की भी सोच इससे इतर नहीं है, दिल में मुख्यमंत्री बनने का सपना संजोये हरक जानते हैं की उनकी इसी दलबदल प्रवृति के चलते बीजेपी तो उन्हें सीएम बनाने से रही इसके चलते उन्हें पार्टी तो देर सबेर छोड़नी ही थी। उत्तराखण्ड का सियासी इतिहास भी इसकी तस्दीक करता है।
हरक सिंह बीजेपी से बहु को टिकट देने की मांग कर रहे थे और अपनी सीट बदल कर केदारनाथ से लड़ना चाह रहे थे सूत्रों के मुताबिक पार्टी उन्हें तमाम स्थानीय प्रतिनिधियों के विरोध के बावजूद केदारनाथ से टिकट देने को तैयार भी हो गई थी परतुं बहु को टिकट देने पर सहमति नहीं बन पा रही थी।