देहरादून, भाजपा और पूर्व कबिनेट मंत्री हरक सिंह की आंख मिचौनी का कल देर रात पटाक्षेप हो गया, जब उन्हें पार्टी के खिलाफ गतिविधियों के चलते उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने आधी रात को कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया तथा पार्टी से 6 सालों के लिए निष्काषित भी कर दिया। आज हरक आंसू नहीं थम रहे हैं। कैबिनेट और पार्टी से निकाले जाने की खबर सुनकर उनकी आंखें छलक आईं। गला रुंध गया। कहते हैं सियासत में आंसुओं की बड़ी कीमत होती है। इतिहास जानता है कि नेताओं के आंसुओं बड़ी कीमत होती है। परन्तु पहले जब नेता के आंसू निकलते थे तो जनता इसको बड़ी भावुकता से लेती थी और नेताओं के समर्थकों के लिए ये बड़ी घटना होती थी। आज का समय बदल गया है पार्टियों के सोशल मिडिया विभाग इस बात की बाल की खाल तक निकाल लाते हैं उन्हें इसी बात के लिए ही तो रखा जाता है दूसरा न्यूज़ चैनल रही सही कसर निकल देते हैं कि यह नेता कब कब और कितनी बार रोया था। बाकि ये तो भविष्य के गर्भ में है की इससे उन्हें कितना फायदा होता है।
सूत्रों के मुताबिक हरक सिंह भाजपा में अपने लिए मनचाही सीट और परिवार के लिए दो टिकट मांग रहे थे जिसके लिए वह बहुत दिनों से प्रेशर टैक्टिस अपना रहे थे। इस बार की कोशिश के दौरान उनकी चाल उलटी पड़ गई और भाजपा ने इस शतरंज की बिसात पर उन्हें झटका दे दिया और उन्हें आधी रात को कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया तथा पार्टी से 6 सालों के लिए निष्काषित भी कर दिया। भाजपा की इस चाल से हरक सिंह बैक फुट पर हैं अब वो मझधार में खड़े हैं और कांग्रेस से सौदेबाज़ी करने की स्थिति में बिलकुल नहीं हैं। क्योंकि कांग्रेस जानती है कि हरक के पास कोई और विकल्प नहीं बचा है गेंद अब कांग्रेस के पाले में है और उन्हें कांग्रेस् जो भी देगी वो मानना ही पड़ेगा ।
बताते हैं कि इस घटनाक्रम से पहले कांग्रेस उन्हें डोईवाला और उनकी बहू अनुकृति को लैंसडाउन से टिकट देने को तैयार थी। लेकिन अब पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत का बड़ा बयान सामने आया है। हरीश रावत ने कहा है कि अगर हरक सिंह रावत अपनी कांग्रेस छोड़ने की गलती मान लेते हैं तो हम पार्टी में उनका स्वागत करने के लिए तैयार हैं।उन्होंने कहा कि हरक सिंह अभी कांग्रेस पार्टी में शामिल नहीं हुए हैं। कई मुद्दों पर विचार करने के बाद ही पार्टी कोई निर्णय लेगी।वहीँ नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने हरक सिंह के भाजपा छोड़ने सरकार को बड़ा झटका बताया है और इसे भाजपा सरकार के ताबूत में आखरी कील कहा है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि हरक सिंह रावत ने विपत्ति के समय में भाजपा का साथ दिया था, लेकिन आज जिस तरह से उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त किया गया और पार्टी से हटाया गया, इससे उनकी भावनाएं भी आहत हुई हैं और कहा कि हरक सिंह रावत के पार्टी में शामिल होने पर हाईकमान फैसला लेगा। उन्होंने हरक सिंह के बयान का स्वागत किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि वे कांग्रेस पार्टी में शामिल होकर निस्वार्थ भाव से पार्टी की सेवा करना चाहते हैं। दिल्ली में पार्टी नेताओं की बैठक होने वाली है, जिस बैठक में हरक सिंह रावत के मसले पर चर्चा की जाएगी।
अब देखना यह है कि हरक सिंह इस शतरंज की बिसात पर भाजपा द्वारा दी गई शह से कैसे बचते हैं और अपनी मांगें कांग्रेस से मनवा भी पाते हैं या नहीं, यह आने वाला समय ही बताएगा।