देहरादून, उत्तराखंड में आचार संहिता लगने के बाद पहली बड़ी कार्यवाई देखने को मिली है, यह कार्यवाही शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम के द्वारा हरिद्वार जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारी विद्या शंकर चतुर्वेदी के निलंबन को लेकर की गई है। आपको बता दें कि कल हरिद्वार जिले के जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय के द्वारा हरिद्वार जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारी विद्या शंकर चतुर्वेदी और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी को सस्पेंड किए जाने की संस्तुति भेजी गई थी। जिस पर शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने मुहर लगाते हुए विद्या शंकर चतुर्वेदी को निलंबित कर दिया है। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम द्वारा जारी पत्र में कहा गया है की प्रभारी मुख्य शिक्षा अधिकारी विद्या शंकर त्रिवेदी की भूमिका प्रथम दृष्टया संदिघ्ध भूमिका एवं आरोप की गंभीरता के दृष्टिगत श्री चतुर्वेदी को तत्काल भाव से निलंबित किया जाता है निलंबन की अवधि में चतुर्वेदी को वित्तीय नियम संग्रह खंड 2 भाग 2 के 4 के मूल नियम 53 के प्रावधानों के अनुसार जीवन निर्वाह भक्तों की धनराशि अर्ध वेतन पर देव अवकाश वेतन की राशि के बराबर दे होगी। उन्हें जीवन निर्वाह भत्तों की धनराशि पर महंगाई भत्ता यदि ऐसे अवकाश वेतन पर देय हैं भी अनुमन्य होगा किंतु ऐसे अधिकारी को जीवन निर्वाह के साथ कोई महंगाई भत्ता देय नहीं होगा। विद्या शंकर चतुर्वेदी निलंबन की अवधि में महानिदेशालय विद्यालयी शिक्षा उत्तराखंड देहरादून में संबद्ध रहेंगे।
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