देहरादून। उत्तराखंड के प्रसिद्ध अन्वेषक देवव्रत पुरी गोस्वामी, जिन्हें पूरे देश में डिटेक्टिव देव के रूप में जाना जाता है, को राष्ट्र स्तर पर प्रदान किया जाने वाला एक अत्यंत प्रतिष्ठित सम्मान मिला है। उन्हें सीएपीएसआई (सेंट्रल एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट सिक्योरिटी इंडस्ट्रीज़) तथा एपीडीआई (एसोसिएशन ऑफ प्रोफेशनल डिटेक्टिव्स एंड इन्वेस्टिगेटर्स) द्वारा आयोजित सुरक्षा नेतृत्व सम्मलेन–2025, चेन्नई में “भारत का श्रेष्ठ जासूस – सम्मान चिन्ह” प्रदान किया गया। यह सम्मान उन चुनिंदा व्यक्तियों को दिया जाता है जिन्होंने भारत की सुरक्षा, जाँच एवं खुफिया व्यवस्था को वर्षों तक निष्ठा, सत्यनिष्ठा और उत्कृष्ट कार्यक्षमता के साथ मजबूत किया हो-विशेष रूप से उत्तराखंड से लेकर पूरे भारत में उच्च स्तर की जाँच सेवाएँ प्रदान करने हेतु। चेन्नई में आयोजित इस दो-दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में राष्ट्रीय सुरक्षा क्षेत्र की प्रमुख हस्तियाँ उपस्थित रहे जिसमे पूर्व सैन्य अधिकारी, वरिष्ठ पुलिस महानिरीक्षक, राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञ, साइबर खुफिया विशेषज्ञ, गृह मंत्रालय (भारत सरकार) के वरिष्ठ अधिकारी, निजी सुरक्षा एवं अन्वेषण उद्योग के शीर्ष प्रतिनिधि, तमिलनाडु पुलिस महानिदेशक, तमिलनाडु सरकार के मंत्रीगण, एवं देशभर के विभिन्न राज्यों से आए वरिष्ठ आईएएस एवं आईपीएस अधिकारी विशेष रूप से उपस्थित रहे। यह पूरा आयोजन कुँवर विक्रम सिंह (अध्यक्ष-कैप्सी एवं एपीडीआई) तथा महेश शर्मा (महासचिव – एपीडीआई) के निर्देशन में सम्पन्न हुआ। देवव्रत पुरी गोस्वामी, तियान झू इन्वेस्टिगेटिव सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, देहरादून के निदेशक हैं। वे उत्तराखंड में उच्च दर्जे की जाँच, खुफिया विश्लेषण, जोखिम मूल्यांकन तथा आधुनिक अन्वेषण तकनीकों के प्रमुख विशेषज्ञ माने जाते हैं। उनका चयन यह प्रमाणित करता है कि वे देश की निजी जाँच प्रणाली के सबसे विश्वसनीय, सक्षम एवं राष्ट्रीय स्तर पर संचालन करने वाले प्रमुख अन्वेषकों में शामिल हैं। कैप्सी एवं एपीडीआई के आधिकारिक ने अपने संदेश में कहा कि “यह सम्मान उन सदस्यों को दिया जाता है जिन्होंने भारतीय सुरक्षा एवं जाँच क्षेत्र को वर्षों तक दृढ़ता और योगदान से सशक्त किया है। डिटेक्टिव देव का राष्ट्रीय स्तर पर योगदान अत्यंत प्रशंसनीय है।” डिटेक्टिव देव ने भारत के हर राज्य में अपना मजबूत खुफिया नेटवर्क विकसित किया है। उन्होंने अपने कार्यक्षेत्र को रणनीतिक सहयोग, उन्नत जाँच तकनीकों, फील्ड खुफिया, गोपनीय निगरानी और जोखिम युक्त अभियानों की क्षमता के साथ लगातार विस्तार दिया है।आज वे उत्तराखंड से लेकर उत्तर भारत, दक्षिण भारत, पूर्व, पश्चिम, मध्य भारत और देश के सभी महानगरों तक, हर प्रमुख क्षेत्र में अपनी सक्रिय, प्रभावशाली और संगठित उपस्थिति बनाए हुए हैं। एक सुव्यवस्थित निजी खुफिया ढाँचे के रूप में, डिटेक्टिव देव पूरे भारत में एक अत्यंत विश्वसनीय, अनुशासित और अत्याधुनिक इंटेलिजेंस नेटवर्क का संचालन कर रहे हैं, जिसकी पहुँच लगभग सभी प्रमुख शहरों तक है।



