देहरादून 8 नवंबर, गत 2 नवम्बर को नोशन प्रेस द्वारा अजेय जुगरान की अंग्रेज़ी किताब “द ब्रिज ऑन द रिवर सॉंग एंड अदर स्टोरीज़ फ्रॉम गढ़वाल” प्रकाशित की गई है। 2021 के हिंदी काव्य संग्रह “अंतरंग सतरंग” के बाद ये बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी उच्चतम न्यायालय व उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं लेखक अजेय की दूसरी किताब है। अपने नाम के मुताबिक इस किताब में सभी 23 कहानियाँ या उनके मुख्य किरदार या उनकी घटनाएँ गढ़वाल – देहरादून – कुमाऊँ के जीवन संघर्ष पर केंद्रित हैं। कुछ कहानियाँ पहाड़ी फ़ौजियों की हैं तो कुछ प्रचलित लोक गाथाओं का सामयिक नया रूप है। इन सबके बीच लेखक की पारिवारिक कहानियाँ भी हैं। सभी कहानियाँ को विभिन्न कलाकारों ने सुंदर चित्रों और रेखाचित्रों से उभारा है। सीधी-साधी सरल भाषा में कही गई ये कहानियां जीवन के गंभीरतम प्रश्नों से पाठकों को विचलित करने का सुंदर प्रयास लगती हैं। कहानी के पात्र और उनका जीवन संघर्ष तो कहानी में चलता ही है, साथ ही अजेय भी पाठकों से संवाद करते चलते हैं। हर कहानी कहीं न कहीं एक प्रश्न को जन्म देती है, ये बात दीगर है कि अजेय द्वारा उठाये गए ये प्रश्न हमारे लिए नए नहीं हैं। लेकिन इसके बावजूद इन्हें खारिज नहीं किया जा सकता, क्योंकि अभी तक इन्हें हल नहीं किया जा सका है। इस संग्रह की कुछ बेहतर कहानियां हैं. जिनके पात्र पाठकों के ज़हन में अपनी ख़ास जगह बनाने में सफल होते हैं। कहानियों की भाषा सरल है, इसके पात्रों के जीवन को भी लेखक द्वारा सरलता से छुआ गया है।
यह किताब अमेज़ोन https://amzn.eu/d/9zNYKKa पर उपलब्ध है और उसकी पूर्व प्रकाशन समीक्षा जनरल अता हसनैन, राजदूत भास्वती मुखर्जी, ख्याति प्राप्त फैशन फोटोग्राफर तरुण खिवाल, लेखक-पत्रकार आरएन भास्कर, एनसीईआरटी प्रोफेसर वरदा निकलजे और फ़िल्म लेखक अक्षत घिल्डियाल कर चुके हैं। उसकी साहित्यिक ब्लॉगर मल्लिका रामचन्द्रन द्वारा एक वृहद् प्रकाशन पश्चात् समीक्षा https://potpourri2015.wordpress.com/2023/11/03/book-review-the-bridge-on-the-river-song-and-other-stories-2023-by-ajay-jugraan/ पर उपलब्ध है।
हिंदुस्तान आज डॉट कॉम समेत अन्य प्रबुद्ध समीक्षकों की समीक्षाओं के द्वारा इस पुस्तक को पठनीय और सहेजने योग्य बताया है। हिंदुस्तान आज की ओर से लेखक अजेय जुगरान को बहुत बधाई और शुभकामनायें।