देहरादून, आज मंगलवार को उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा का प्रथम सत्र शुरू हो गया है। विधानसभा सत्र राज्यपाल के अभिभाषण के साथ हुआ। विपक्ष अभी तक अपना नेता नहीं चुन पाया है। यानी विधानसभा सत्र की शुरूआत बिना नेता प्रतिपक्ष के हुई है। हालांकि, पहली बार सदन पहुंचीं कांग्रेस विधायक अनुपमा रावत ने पहले दिन से ही आक्रामक तेवर दिखने शुरू कर दिए हैं।
बताते चलें हरिद्वार ग्रामीण की विधायक एवं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की पुत्री अनुपमा रावत ने सदन के बाहर महंगाई के विरोध में धरने में बैठ गईं। उत्तराखंड की पांचवी विधानसभा के प्रथम सत्र में महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन करती हरिद्वार ग्रामीण से विधायक अनुपमा रावत अपने पिता हरीश रावत के संघर्ष के मार्ग पर चलते दिख रही है। विधानसभा की कार्यवाही आज सुबह 11 बजे राज्यपाल के अभिभाषण के साथ शुरू हुई लेकिन हरिद्वार ग्रामीण से कांग्रेस विधायक अनुपमा रावत ने महंगाई और बढ़ते हुए रसोई गैस सिलेंडर के दाम को लेकर सदन के अंदर से लेकर सदन की गैलरी तक सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।
उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा का तीन दिवसीय प्रथम सत्र आज मंगलवार से शुरू हो गया है। बजट अभिभाषण के लिए राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) विधानसभा पहुंचे।सुबह 11 बजे से राज्यपाल का अभिभाषण शुरू हुआ। राज्यपाल ने कहा कि सरकार शिक्षा के क्षेत्र में अभिनव प्रयोग कर रही है। अभिभाषण शुरू होते ही विपक्ष ने सदन में महंगाई के विरोध में बैनर दिखाए। उत्तराखंड का राज्यपाल बनने के बाद यह उनका पहला अभिभाषण है। विधानसभा पहुँचने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनका स्वागत किया। इसके बाद उन्हें गार्ड ऑफ़ ऑनर दिया गया।
अनुपमा हरिद्वार ग्रामीण से कांग्रेस विधायक रावत ने महंगाई और बढ़ते हुए रसोई गैस सिलेंडर के दाम को लेकर प्रदर्शन के बाद सदन के बाहर मीडिया से मुखातिब होते हुए कांग्रेस विधायक अनुपमा रावत ने कहा कि चुनाव जीतने के बाद सरकार को जनता की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए था और महंगाई को नियंत्रित करने के प्रयास करने चाहिए थे लेकिन राज्य की धामी सरकार और केंद्र की मोदी सरकार ने जनता की ओर से दिए गए प्रचंड बहुमत का कोई ख्याल नहीं रखा गया।जनता की समस्याओं का निराकरण करने के लिए कोई ठोस प्रयास भी नहीं किए गए जिस कारण उनको मजबूर होकर उत्तराखंड की जनता की आवाज को सदन के अंदर से लेकर सदन के बाहर तक उठानी पड़ रही है हालांकि उन्होंने कहा कांग्रेस शासित प्रदेशों में जनता को सब्सिडी देकर महंगाई से निजात दिलाने का प्रयास जरूर किया जा रहा है, लेकिन उत्तराखंड में राज्य सरकार महंगाई रोकने के लिए कोई भी प्रयास करने को तैयार नहीं हैं।