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Wednesday, September 10, 2025
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उत्तराखंड में अवैध निजी अस्पतालों के खिलाफ होगी कार्यवाही, अधिकारियों को जांच के निर्देश

  • राज्य में अवैध रूप से संचालित निजी अस्पतालों, क्लीनिकों, नर्सिंग होम एवं अल्ट्रासाउंड सेंटरों के खिलाफ कार्यवाही 
  • अधिकारियों को दिये प्रदेशभर में जांच अभियान चलाने के निर्देश
  • कैबिनेट में शीघ्र लाया जायेगा क्लीनिकल एक्ट संशोधन प्रस्ताव

देहरादून, 11 जून 22, राज्य में अवैध रूप से संचालित निजी अस्पतालों, क्लीनिकों, नर्सिंग होम एवं अल्ट्रासाउंड सेंटरों के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को वृहद स्तर पर जांच अभियान चलाने के निर्देश दे दिये गये हैं। सूबे में 50 एवं इससे कम बेड क्षमता वाले अस्पतालों को क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट की परिधि से बाहर रखने के लिये कैबिनेट में शीघ्र संशोधन प्रस्ताव लाया जायेगा।

सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने आज कैम्प कार्यालय में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) एवं नेशनल मेडिकोज ऑर्गनाइजेशन (नमो) के पदाधिकारियों की उपस्थिति में स्वास्थ्य विभाग की बैठक ली। डॉ रावत ने बताया कि प्रदेशभर में अवैध रूप से संचालित निजी अस्पतालों, क्लीनिकों, नर्सिंग होम एवं अल्ट्रासाउंड सेंटरों के खिलाफ अभियान चलाया जायेगा। जिसके निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में पुलिस प्रशासन के सहयोग से अवैध निजी अस्पतालों, क्लीनिकों एवं जांच केन्द्रों के विरूद्ध ठोस कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। ताकि निजी अस्पतालों की मनमानी व मरीजों के शोषण पर रोक लगाई जा सकेगी। डॉ रावत ने बताया कि राज्य में निजी अस्पतालों एवं निजी ऑपरेटरों द्वारा संचालित एम्बुलेंस की मनमानी को रोकने के लिये पुलिस एवं परिवहन विभाग द्वारा जांच की जायेगी। डॉ रावत ने बताया कि राज्य में 50 एवं इससे कम बेड क्षमता वाले अस्पतालों को क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट की परिधि से बाहर रखने के लिये कैबिनेट में शीघ्र संशोधन प्रस्ताव लाया जायेगा। एक्ट में उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश एवं हरियाणा की तर्ज पर संशोधन किया जायेगा। जिसके निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं। डॉ रावत ने बताया कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) एवं नेशनल मेडिकोज ऑर्गनाइजेशन (नमो) द्वारा क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट में शिथिलता, 50 एवं इससे कम बेड क्षमता वाले अस्पतालों को एक्ट की परिधि से बाहर रखने, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अंतर्गत ईटीपी एवं एसटीपी व्यवस्था में छूट, अस्थाई पंजीकरण के नवीनीकरण के शुल्क में छूट एवं अग्निशमन अधिनियम लागू करने की मांग की गई है। जिनका एक्ट के अंतर्गत शीघ्र समाधान कर दिया जायेगा। बैठक में स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ शैलजा भट्ट ने बताया कि आईएमए एवं नमो के पदाधिकारियों की मांग पर क्लीनिकल एक्ट को लेकर पूर्व में गठित समिति द्वारा अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, जिसका शीघ्र अवलोकन किया जायेगा।

बैठक में राज्य बाल आयोग की अध्यक्षा एवं वरिष्ठ चिकित्सक डॉ गीता खन्ना, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ शैलजा भट्ट, अपर निदेशक डॉ आरपी खंडूडी, संयुक्त निदेशक डॉ एसएन झा, सीएमओ देहरादून डॉ मनोज उप्रेती सहित आईएमए देहरादून के अध्यक्ष डॉ आलोक सेमवाल एवं नेशनल मेडिकोज ऑर्गनाइजेशन एवं आईएमए के पदाधिकारी एवं चिकित्सक डॉ गोपाल जी शर्मा, डॉ विक्रम सिंह, डॉ संजय उप्रेती, डॉ अमित उप्रेती, डॉ देवाशीष चौहान आदि उपस्थित रहे।

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