- कोविड-19 वैक्सीनेशन की स्वास्थ्य विभाग ने की विस्तृत तैयारियां
- वैक्सीनेशन के दौरान अन्य स्वास्थ्य सेवाओं को बाधित नहीं होने दिया जाएगा
- सभी जनपदों में पूर्वाभ्यास का एक और चरण 12 जनवरी से चिन्हित अस्पतालों मे किया जायेगा
देहरादून, 11 जनवरी स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ अमिता उप्रेती ने बताया कि 16 जनवरी से शुरू होने वाले कोविड-19 वैक्सीनेशन के लिए स्वास्थ्य विभाग ने 4943 सरकारी एवं निजी स्वास्थ्य इकाइयों को चिन्हित किया है, जिनमें 9708 टीकाकरण सत्र आयोजित कर 87588 हेल्थ केयर वर्कर्स को वैक्सीन दी जाएगी।
कोविड-19 वैक्सिनेशन को लेकर चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की तैयारियों की जानकारी देते हुए डा. उप्रेती ने बताया कि टीकाकरण की निगरानी के लिए 402 पर्यवेक्षक तैनात किए गए हैं और 120 अतिरिक्त पर्यवेक्षक वैक्सीनेटर का कार्य करेंगे। अभियान को सफल बनाने के लिए 2118 महिला स्वास्थ्य कार्यकत्री एएनएम को वैक्सीनेटर बनाया गया है। साथ ही अभियान की व्यापकता को देखते हुए 6509 संभावित वैक्सीनेटर को चिन्हित किया गया है।
डा. उप्रेती ने बताया कि वैक्सीनेशन के लिए राज्य में 317 गोल्ड चेन पॉइंट बनाए गए हैं, जहां पर वैक्सीन का रखरखाव एवं उचित तापमान पर स्टोरेज की व्यवस्था की गई है। वैक्सीन की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए 483 आइस लाइन रेफ्रिजरेटर, 547 डी फ्रीजर, तीन वॉक इन कूलर तथा दो वाकिंग फ्रीजर की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 वैक्सीनेशन के दौरान अन्य स्वास्थ्य सेवाओं को बाधित नहीं होने दिया जाएगा।
डीजी ने बताया कि वैक्सीनेशन का कार्य चुनाव के दौरान की जाने वाली प्रशासनिक व्यवस्था के अनुसार किया जागा। प्रत्येक वैक्सीनेशन केंद्र में तीन कमरों, प्रतीक्षा कक्ष, वैक्सीनेशन कक्ष एवं ऑब्जरवेशन कक्ष बनाए गए हैं। प्रत्येक केंद्र पर एक वैक्सीनेटर और चार वैक्सीनेशन अफसर रहेंगे। एक केंद्र पर 100 लाभार्थियों को टीका दिया जाएगा। सभी स्थानों पर इंटरनेट व्यवस्था दी जा रही है। लाभार्थियों के लिए पेयजल और शौचालय भी बनाए गए हैं। वैक्सीनेशन के दौरान किसी भी प्रकार की आपात स्थिति एवं वैक्सीनेशन के प्रतिकूल प्रभावों से निपटने के लिए आवश्यक व्यवस्था की गई है।
डीजी डा. उप्रेती ने बताया कि कोविड-19 वैक्सीनेशन का सभी जनपदों में पूर्वाभ्यास का एक और चरण 12 जनवरी से चिन्हित अस्पतालों पर करने का निर्णय लिया गया है ताकि अभ्यास को दोहराया जा सके। इस मौके पर मेडिकल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ हेमंत पांडे और दून मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष स्याना सहित कई स्वास्थ्य अधिकारी मौजूद थे