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Tuesday, September 9, 2025
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5 जून को मनाया जाएगा गंगा दशहरा पर्व : डॉक्टर आचार्य सुशांत राज

देहरादून। डॉक्टर आचार्य सुशांत राज ने जानकारी देते हुये बताया की गंगा दशहरा का पर्व हर वर्ष ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। कहा की इस साल गंगा दशहरा का पर्व 5 जून 2025, बुधवार को मनाया जाएगा. इस के दिन भक्त सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार, गंगा दशहरा का पर्व हर वर्ष ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। श्री रामचरित मानस के अयोध्या कांड में गोस्वामी तुलसीदास जी ने जीवनदायिनी मां गंगा का मनुहारी वर्णन करते हुए कहा है कि ‘गंग सकल मुद मंगल मूला, सब सुख करनि हरनि सब सूला।’ अर्थात गंगा जी समस्त आनंद-मंगलों की मूल हैं। वे सब सुखों को करने वाली और सब पीड़ाओं को हरने वाली हैं। पुराणों में कहा गया है कि राजा भगीरथ वर्षों की तपस्या के उपरांत ज्येष्ठ शुक्ल दशमी के दिन गंगा को पृथ्वी पर लाने में सफल हुए। भारतीय शास्त्र, पुराण एवं उपनिषद इत्यादि सभी ग्रंथों में गंगा की महिमा और महत्व का बखान किया गया है। गंगा भारतीय संस्कृति की प्रतीक एवं हजारों साल की आस्था की पूंजी है। शास्त्रों में कहा गया है कि गंगा का पानी अमृत व मोक्षदायिनी है। “गंगा दशहरा” हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो गंगा नदी की पूजा के लिए समर्पित है। यह त्योहार हिन्दू माह ज्येष्ठ के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर गंगा की स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरण की स्मृति की जाती है। भक्त नदी के किनारे एकत्र होते हैं, पवित्र स्नान करते हैं, रीति-रिवाज करते हैं और आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करते हैं। माना जाता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से पापों का नाश होता है और इच्छाओं की पूर्ति होती है। यह त्योहार गंगा को संरक्षित और सुरक्षित रखने के महत्व को भी दर्शाता है, जो हिन्दू धर्म में अत्यधिक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखती है। सृष्टि के निर्माता ब्रह्मा जी के कमंडल से राजा भागीरथ द्वारा देवी गंगा को धरती पर अवतार दिवस को गंगा दशहरा के नाम से जाना जाता है। पृथ्वी पर अवतार से पहले गंगा नदी स्वर्ग का हिस्सा थीं। गंगा दशहरा के दिन भक्त देवी गंगा की पूजा करते हैं और गंगा में डुबकी लगाते हैं, और दान-पुण्य, उपवास, भजन और गंगा आरती का आयोजन करते हैं।मान्यता है इस दिन माँ गंगा की पूजा करने से भगवान विष्णु की अनंत कृपा प्राप्त होगी। हिन्दू धर्म में तो गंगा को देवी माँ का दर्जा दिया गया है। यह माना जाता है कि जब माँ गंगा स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरित हुई तो वह ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि थी, तभी से इस तिथि को गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है लगभग 32 दिनों तक गंगा नदी शिव की जटाओं में ही विचरण करती रहीं। फिर ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी पर शिव जी ने अपनी एक जटा खोली और गंगा नदी का अवतरण धरती पर हो गया। राजा भागीरथ ने हिमालय के दुर्गम रास्तों से होते हुए मैदानी इलाके तक गंगा जी के लिए रास्ता बनाया। इसके बाद राजा भागीरथ ने अपने पूर्वजों का गंगाजल से तर्पण कर उन्हें मुक्ति दिलाई। भगीरथ के पूर्वजों को मुक्ति प्राप्त हुई और तभी से गंगा जी पृथ्वी पर अविरल बह रही हैं।  वर्तमान समय में भौतिक जीवन जी रहे मनुष्य से जाने अनजाने जो पापकर्म हो जाते हैं उनकी मुक्ति के लिए माँ गंगा की साधना करनी चाहिए कहने का तात्पर्य है जिस किसी ने भी पाप कर्म किये हैं और जिसे अपने किये का पश्चाताप है और इससे मुक्ति पाना चाहता है तो उसे सच्चे मन से मां गंगा की पूजा अवश्य करनी चाहिये। वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि की शुरुआत 04 जून को देर रात 11 बजकर 54 मिनट पर होगी और अगले दिन यानी 06 जून को देर रात 02 बजकर 15 मिनट पर तिथि का समापन होगा। इस प्रकार 05 जून को गंगा दशहरा मनाया जाएगा। ज्योतिष गणना के अनुसार, गंगा दशहरा पर रवि और सिद्धि योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है। रवि योग दिन भर रहेगा। इससे साधक को सेहत में लाभ देखने को मिलेगा। वहीं, सिद्धि योग सुबह 09 बजकर 14 मिनट तक रहेगा। इससे सभी मुरादें पूरी होंगी और जीवन में शुभ परिणाम मिलेंगे।

गंगा दशहरा को लेकर यह धार्मिक मान्यता है कि इस दिन ही मां गंगा स्वर्ग से धरती पर अवतरित हुई थीं। गंगा दशहरा पर पवित्र गंगा नदी में स्नान जरूर करना चाहिए। अगर आपके लिए ऐसा कर पाना संभव न हो तो आपको घर पर ही स्नान करते हुए पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर लेना चाहिए। इस दिन मां गंगा की पूजा-अर्चना की जाती है। गंगा दशहरे के पर्व पर गरीब और जरूरतमंद लोगों को दान करने का विशेष महत्व होता है। ऐसा कहा जाता है कि गंगा दशहरा पर दान की जाने वाली वस्तुओं की संख्या 10 होनी चाहिए। इस दिन आप 10 फल, 10 पंखे, 10 सुराही, 10 छाते या फिर 10 हिस्से अन्न का दान कर सकते हैं।

 

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