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Friday, May 9, 2025

343 साल पुराने झंडेजी मेले का इतिहास देहरादून के अस्तित्व से जुड़ा

देहरादून। 343 साल पुराने झंडेजी मेले का इतिहास देहरादून के अस्तित्व से जुड़ा है। श्री गुरु राम राय जी का पदार्पण (देहरादून आगमन) यहां सन् 1676 में हुआ था। तब गुरु महाराज ने श्री दरबार साहिब में लोक कल्याण के लिए विशाल झंडा लगाकर लोगों को इसी ध्वज से आशीर्वाद प्राप्त करने का संदेश दिया था। इसी के साथ श्री झंडा साहिब के दर्शन की परंपरा शुरू हो गई। हर साल होली के पांचवें दिन से शुरू होने वाला ऐतिहासिक झंडेजी का मेला एक महीने तक चलता है। श्री दरबार साहिब परिसर में लगने वाले विशाल मेले में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु मत्था टेकने पहुंचते हैं। श्री गुरु राम राय महाराज सिखों के सातवें गुरु हर राय के ज्येष्ठ पुत्र थे। उनका जन्म होली के पांचवें दिन वर्ष 1646 को पंजाब के जिला होशियारपुर (अब रोपड़) के कीरतपुर में हुआ था। 343 साल पुराने इतिहास को संजोये श्री दरबार साहिब के औणदास पहले महंत थे। जिसके बाद महंत हरप्रसाद (1741-1766) श्री दरबार साहिब की गद्दी पर विराजमान हुए। साल 1766 से 1818 तक हरसेवक महंत बने। 1818 से लेकर 1842 तक महंत स्वरूपदास, 1842 से 1854 तक महंत प्रीतमदास, 1854 से 1885 तक महंत नारायणदास, 1885 से 1945 तक महंत लक्ष्मणदास और 1945 से लेकर 2000 तक महंत इंदिरेश चरण दास गद्दी पर विराजमान रहे। वर्तमान में महंत देवेंद्र दास महाराज 25 जून 2000 से गद्दी पर विराजमान हैं।

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