देहरादून। राज्य निगम कर्मचारी अधिकारी महासंघ उत्तराखण्ड का कहना हैं की सार्वजनिक निगमों, निकायों व उपक्रमों के कार्मिकौ को जनवरी 2024 से मंहगाई भत्ते का झुनझुना दिखाकर कर 30 सितम्बर को होने वाली महारैली को प्रभावित नहीं किया जा सकता। आज महासंघ की आपात बैठक में शासन में मुख्य सचिव द्वारा महासंघ के साथ होने वाली बैठक को स्थगित कर 4 प्रतिशत मंहगाई भत्ता स्वीकृत कर शासन सार्वजनिक निगमों /निकायों, उपक्रमों के कार्मिको की अन्य समस्याओं को ठन्डे बस्ते में डालने का निर्धारित ऐजण्डा के तहत है। महासंघ के अध्यक्ष दिनेश गौसाई ने कहा की आज पूरे प्रदेश में दैनिक, संविदा, विशेष श्रेणी, आउट सोर्स नासूर बन चुकी हैं, बेरोजगारो की सामाजिक सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। सार्वजनिक निगमों /निकायों, उपक्रमों के हजारों पद रिक्त हैं, जिनके सापेक्ष दैनिक, संविदा, विशेष श्रेणी, आउटसोर्स के नाम से राज्य गठन के पश्चात लगातार कार्य लिया जा रहा है, लेकिन शासन की हीलाहवाली के चलते नियमितीकरण नहीं किया जा रहा है। जिसके कारण अनेकों कार्मिक नियमित होने की प्रत्याशा में सेवानिवृत हो गये है। महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष दिनेश पन्त द्वारा कहा गया कि सार्वजनिक निगमों के कार्मिकों के साथ शासन का रवैया सौतेला रहा है। मंहगाई भत्ता हो या सातवें वेतन आयोग के अनुसार मकान किराया भत्ता, हो या शिथिलीकरण का लाभ दिये बात रही हो किसी पर भी निर्णय नहीं किया जा रहा है। आज तक सार्वजनिक निगमों के कार्मिको को बिना आन्दोलन के शासन कुछ देने को तैयार नहीं है।
महासंघ के मण्डलीय अध्यक्ष शिशुपाल सिंह रावत द्वारा कहा गया कि निगमों, निकायों में सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियां लागू करने पर कार्मिक ढांचे में चतुर्थ श्रेणी के पदौ को मृत घोषित किया गया। लेकिन निगमों, निकायों में फील्ड के महत्वपूर्ण पदों पर बिना मैन पावर के कार्य नहीं हो सकते हैं। जिनमें हजारों की संख्या में दैनिक आउटसोर्स, पीटीसी, पर ठेकेदारो के माध्यम कार्मिक लगातार राज्य बनने के बाद काम कर रहे हैं। इसलिये जिन पदों को कार्मिक ढांचे में मृत घोषित किया गया उनके सापेक्ष कार्य करने वाले हजारौ कार्मिकौ को न्याय दिलाने के लिये महासंघ को आन्दोलन के लिये बाध्य होना पड रहा है। महासंघ के उपाध्यक्ष मनमोहन चौधरी द्वारा कहा गया 2013 में नियमितीकरण हेतु बनी नियमावली को माननीय न्यायलय द्वारा हरी झंडी मिलने पश्चात शासन द्वारा मामले को लटकाया जा रहा है। महासंघ के महासचिव बीएस रावत द्वारा कहा गया कि महासंघ की 30 सितम्बर को देहरादून में होने वाली विशाल रैली सार्वजनिक निगमों, निकायों, उपक्रमों के दैनिक वेतन, संविदा, विशेष श्रेणी, आउटसोर्स, पीटीसी, उपनल पर लगातार कार्य करने वाले हजारो कार्मिकौ के साथ राज्य के आधीन विभागौ में दैनिक, संविदा, विशेष श्रेणी, पीटीसी, उपनल कार्मिको के भविष्य के साथ सामाजिक सुरक्षा की दिशा तय करेंगी। बैठक में दिनेश गौसाई, श्याम सिंह नेगी,राजेश रमौला, ओपी भट्ट, अनुराग नौटियाल, टीएस बिष्ट, शिशुपाल रावत, मनमौहन चौधरी बीएस रावत, संदीप मल्होत्रा, रमेश बिजौला उपस्थित रहे।