12.2 C
Dehradun
Wednesday, December 25, 2024

हर्ष और उल्लास के साथ मनायी गयी भारत रत्न पं. मदन मोहन मालवीय की 164वीं जयंती

हरिद्वार 25 दिसम्बर। महामना सेवा संस्थान द्वारा हरिद्वार स्थित प्रेस क्लब के आचार्य किशोरीदास वाजपेयी सभागार में बड़े हर्ष और उल्लास के साथ भारत रत्न पं. मदन मोहन मालवीय की 164वीं जयंती मनायी गयी। इस अवसर पर ‘हिंदुत्व  के संवर्धन और,प्रचार प्रसार  में महामना पं. मदन मोहन का योगदान’ विषय पर  आयोजित  संगोष्ठी में वक्ताओं ने अपने विचार रखे। इससे पूर्व मदन मोहन मालवीय के चित्र पर माल्यार्पण  और दीपक प्रज्ज्वलित  कर कार्यक्रम का शुभारंभ  किया गया। संस्था की ओर से पुष्पाभिनंदन कर अतिथियों का स्वागत किया गया। गोष्ठी में आरंभ संस्थान  की ओर से  विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए अनेक विद्वान विभूतियों और प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया। जिनमें उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और मर्म चिकित्सा के विश्वप्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. सुनील जोशी को संस्था का सर्वाेच्च महामना मालवीय सम्मान तथा चिद्यार्थियों के शैक्षिक विकास के अपना पूरा जीवन समर्पित करने वाले सेवानिवृत्त शिक्षक एसएस रौतेला, कवित्री एवं पत्रकार राधिका नागरथ, विद्यार्थी जीवन से ही संघर्षशील रह कर भूमाफियाओं सेे कनखल के प्रतिष्ठित डॉ. हरिराम आर्य इंटर की भूमि बचानेे, इतिहास, पर्यटन, भाषा सहित कई पुस्तकों का लेखन तथा पत्रकारों के हित और कल्याण के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (एनयूजे) के प्रदेश अध्यक्ष त्रिलोक चन्द्र भट्ट, समाज सेवी जगदीश लाल पाहवा व सुधीर गुप्ता, ताइक्वांडो की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाली अनुष्का नेगी, एमबीबीएस  के मेधावी छात्र कृष्णा दीक्षित, तथा नेशनल गेम्स में प्रतिभाग करने वाले प्रशांत, एवं स्पोर्टस कोच भारत भूषण को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए प्रतीक चिन्ह के रूप में मालवीय स्मृति सम्मान तथा अंग वस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर गोष्ठी के मुख्य वक्ता डॉ0 सुनील जोशी ने मदन मोहन मालवीय द्वारा स्थापित बनारस हिंदु विश्वविद्यालय, ऋषिकुल विद्यापीठ तथा गंगा सभा का स्थापना व गंगा की पवित्रता और अस्मिता के लिए किये गये कार्यों का उदाहरण देते हुए उन्हें बहुआयामी व्यक्तित्व का धनी बताया। उन्होंने कहा का कि मालवीय जी ने वैदिक ज्ञान के लिए अपने सारे संसाधन लगा कर और दान लेकर बनारस हिन्दु विश्वविद्यालय जैसा विश्व का सर्वश्रेष्ठ शिक्षा संस्थान खड़ा किया। जिसका उद्धेश्य था कि दुनिया भारतीय ज्ञान-विज्ञान को समझे और हम मानव कल्याण के लिए कार्य कर सके। डॉ0 जोशी ने कहा कि अगर हम अपने जीवन में मालवीय जी की कृपा को छोड़ दें तो ‘शूज्य’ के अलावा कुछ नहीं बचता। गोष्ठी के अध्यक्ष महामंडलेश्वर रूपेन्द्र प्रकाश महाराज ने कहा कि पं. मदन मोहन मालवीय ने राष्ट्र निर्माण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित किया। क्योंकि उनके लिए राष्ट्र सर्वाेपरि था। उन्होंने कहा कि मालवीय जी ने वैश्विक स्तर पर सारे हिंदु समाज को जोड़ने का कार्य किया। उन्हांेने कहा कि हमें भी मालवीय जी की तरह राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देने की जरूरत है। ब्रह्मकुमारी मीना बहन ने राष्ट्र के विकास और उन्नति के लिए मालवीय जी की विचारधारा को आगे बढ़ाने का आह्वान किया। संस्थान के अध्यक्ष पदम प्रकाश सुवेदी ने मदनमोहन मालवीय द्वारा स्थापित ऋषिकुल विद्यापीठ की दुर्दशा, अनाधिकृत कब्जों पर चिंता जाहिर करते हुए विद्यापीठ की उन्नति के लिए कार्य करने की आवश्यकता जतायी। डॉ0 हरिनारायण जोशी ने कहा कि जिस समय भारत पराधीन था उस समय एक ओर स्वतंत्रता आन्दोलन और दूसरी ओर समाज, संस्कृति, हिन्दी, हिन्दुत्व और हिन्दुस्तान की थ्योरी थी। जिस पर काम करने वाला मदन मोहन मालवीय के अलावा कोई व्यक्ति नहीं था। उन्होंने कहा कि मालवीय जी ने भगीरथ अंश के रूप में कार्य किया। इस अवसर पर जगदीशलाल पाहवा, मीना बहन, डॉ0 विशाल गर्ग, सुधीर गुप्ता, जितेन्द्र विद्याकुल, प्रकाश जोशी, ओ0 पी0 सिंह, जगत सिंह रावत, राधिका नागरथ, प्रमोद शर्मा, पद्मप्रकाश सुवेदी, भारत भूषण, पुष्पेन्द्र जोशी, सचिन आर्य, डॉ0 हरिनारायण जोशी, एस0एस0 रौतेला, अमित शर्मा, डॉ0 रजीनकांत शुक्ल, श्रवण झा, सूर्यकांत बेलवाल आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन संस्था के महामंत्री डॉ0 रमेश चन्द्र शर्मा एवं संयुक्त मंत्री धर्मेन्द्र सिंह चौहान ने किया।

 

 

 

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

22,024FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles

- Advertisement -spot_img
error: Content is protected !!