देहरादून। वित्त सचिव ने निर्देश जारी किये की लोगों को सुविधाजनक, सुरक्षित और इफेक्टिव डिजिटल बैंकिंग सेवाएं देना बैंकर्स सुनिश्चित करें। साथ ही उन्होंने कहा की कम सीडी रेशियो परफॉर्मिंग वाले बैंक इफेक्टिव मॉनिटरिंग प्लान बनाकर इसको बढ़ाना सुनिश्चित करें और दूरस्थ क्षेत्रों में इलेक्ट्रिसिटी और इंटरनेट कनेक्टिविटी की कमी बैंकिंग सेवाओं में बाधक नहीं बननी चाहिए। उक्त दिशा-निर्देश वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने सचिवालय में राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक में दिए। सचिव ने निर्देश दिए कि जिन बैंकों का सीडी रेशियो अनुपात कम है वे बैंक इफेक्टिव मॉनिटरिंग प्लान बनाकर सीडी रेशियो अनुपात बढ़ाएं। उन्होंने लोगों को सुविधाजनक, सुरक्षित और इफेक्टिव डिजिटल बैंकिंग सुविधा देने के निर्देश दिए। कहा कि जहां पर इलेक्ट्रिसिटी अथवा नेट कनेक्टिविटी के इशू हैं उनका तत्काल समाधान करें। निर्देश दिए कि बैंकिंग मित्र लोगों तक अधिक- से – अधिक पहुंचे तथा लोगों की छोटी-छोटी समस्याओं का समाधान कराएं और उनको फैसिलिटेट करें। सचिव ने कॉर्पोरेट बैंकों को भी सरकारी बैंकों और कोऑपरेटिव बैंकों की तरह आम जनमानस को डिजिटल साक्षरता के प्रति जागरूक करने के निर्देश दिए।उन्होंने बैंकिंग सलाहकार समिति को निर्देशित किया कि बैंकिंग सेवाओं से अनाच्छादित 10 गांवों को आच्छादित करने हेतु यूपीसीएल,बी.एस.एन.एल. एवं उरेडा के साथ एक बैठक कर अतिशीघ्र इस मुददे का निस्तारण करने के निर्देश दिए। सभी बैंकर्स और रेखीय विभाग आपसी बेहतर समन्वय से केंद्र और राज्य सरकार की जनकल्याणकारी सेवाओं का लाभ आम जनमानस को देना सुनिश्चित करें। सहायक महाप्रबंधक एसएलबीसी, उत्तराखंड राजीव पंत ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से अवगत कराया कि राज्य के ऋण-जमा अनुपात में सितम्बर, 2024 से दिसम्बर, 2024 तक 1 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. अब ऋण जमा अनुपात 54.01 प्रतिशत हो गया है। जिसे और अधिक बढ़ाये जाने की आवश्यकता है। सामाजिक सुरक्षा योजना अंतर्गत दिनांक 31.12.2024 तक पी.एम.जे.डी.वाई में 38,95,316, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में 41,07,249 प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में 13,36,325 तथा अटल पेंशन योजना में 8,34,002 खातों को आच्छादित किया गया है। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत राष्ट्रीय औसत कवरेज 40,000 (प्रति लाख) है, जबकि उत्तराखंड राज्य में यह औसत 48,000 तक पहुँच चुका है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत राष्ट्रीय औसत ऋण राशि 62.686/ है, जबकि उत्तराखण्ड राज्य का औसत ₹93,900/- है। ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान द्वारा राज्य में वित्तीय वर्ष के द्वितीय त्रैमास में 9711 प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया, जिनमें से 1683 उद्यमियों द्वारा स्ववित्तपोषण से तथा 2819 उद्यमियों द्वारा बैंक ऋण प्राप्त कर व्यवसाय प्रारम्भ किया गया। वित्तीय साक्षरता केन्द्र द्वारा कुल 385 वित्तीय साक्षरता कैंप आयोजित किये गये हैं, जिनमें 12203 प्रतिभागियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। राज्य के समस्त जिलों के 32 केन्द्रों में प्रायोजक बैंकों (भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक एवं बैंक ऑफ बड़ौदा) के सहयोग से CRISIL Foundation (implementing NGO) द्वारा सी.एफ.एल. केन्द्र की स्थापना की गयी है, जो कि अपने केंद्र के नजदीक दो अन्य ब्लाकों को कवर कर रहे हैं। उक्त संस्था द्वारा वित्तीय साक्षरता हेतु फेज 1 में 924 कैम्प में 29783 प्रतिभागियों तथा फेज 2 में 604 कैम्प में 19774 प्रतिभागियों द्वारा प्रतिभाग किया गया है।
नाबार्ड द्वारा अवगत कराया गया कि विशेष ध्यान केंद्रित जिले अंतर्गत आने वाले पात्र बैंक जहा पर आंतरायिक कनेक्टिविटी नही रहती है वहां पर नाबार्ड द्वारा Kiosk/Fixed CSP, New branches opened और Existing branches में सौर ऊर्जा इकाई / यूपीएस लगाने हेतु 1 लाख प्रति यूनिट का अनुदान दिया जा सकता है। राज्य में कृषि क्षेत्र के अंतर्गत विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिसमें उद्यमियों को सब्सिडी भी प्रदान की जाती हैं। अतः बैंक इन योजनाओं में अधिक- से- अधिक ऋण प्रदान कर राज्य का ऋण-जमा अनुपात बढ़ा सकते हैं। बैठक में अभिषेक रोहेला अपर सचिव, नवीन कुमार, सहायक महाप्रबंधक नाबार्ड, धीरज कुमार अरोड़ा सहायक महाप्रबंधक भारतीय रिजर्व बैंक सहित सभी बैंकों के नियंत्रक द्वारा प्रतिभाग किया गया।