देहरादून 21 जून। उत्तराखंड में विद्यालई शिक्षा की दुर्दशा व राज्य के १४८८ स्कूलों को बंद करने के मामले आज लगातार दूसरे दिन प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना ने राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि आज जो स्कूलों में छात्र संख्या लगातार गिर रही है उसके लिए पूर्ण रूप से प्रदेश की भाजपा सरकार जिम्मेदार है। आज प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में श्री धस्माना ने कहा कि राज्य के शिक्षा मंत्री व शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी जवाब दें कि पूरे राज्य के इंटर कालेजों व हाई स्कूलों में प्रधानाचार्यों , प्रधानाध्यापकों, प्रवक्ताओं व एल टी के कुल कितने स्वीकृत पद इस समय रिक्त हैं और क्यों रिक्त हैं। श्री धस्माना ने कहा कि सरकार के अपने आंकड़ों। के अनुसार आज राज्य भर में प्रधानाचार्य के १३८५ पदों में से ११५० पद रिक्त हैं, प्रधानाध्यापकों के ९५० स्वीकृत पदों में से ८१० खाली हैं, प्रवक्ताओं के स्वीकृत ३३०७ व एल टी के स्वीकृत २५०० पद खाली हैं ऐसे में विद्यालयों में शिक्षण कार्य कैसे होगा और अगर गुणात्मक शिक्षण कार्य पहाड़ के स्कूलों में नहीं होगा तो मजबूरी में अभिभावक अपने बच्चों को स्कूलों से निकलेंगे और उनकी शिक्षा के लिए पलायन भी करेंगे। श्री धस्माना ने कहा कि शिक्षा विभाग और शिक्षा मंत्री अब कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को क्लस्टर विद्यालयों में मर्ज करने के शिगूफे से स्कूलों को बंद करने की साजिश कर रहे हैं जिससे पहाड़ों में शिक्षा व्यवस्था और चौपट हो जाएगी और भविष्य में यह बेरोजगारी बढ़ाने का भी एक कारण बनेगा क्योंकि १४८८ स्कूलों का बंद होना हजारों लोगों की नियुक्ति का रास्ता बन्द करेगा जिसमें शिक्षक व गैर शिक्षक कर्मचारी होंगे। श्री धस्माना ने आरोप लगाया कि शिक्षा मंत्री की हतधर्मी की वजह से आज राज्य के सरकारी सहायता प्राप्त अनेक बड़े शिक्षण संस्थान बंदी के कगार पर खड़े हैं। श्री धस्माना ने कहा कि निजी विश्वविद्यालयों को फायदा पहुंचाने के लिए भाजपा के शिक्षा मंत्री ने डीएवी महाविद्यालय, डीबीएस महाविद्यालय, एमकेपी महाविद्यालय एलपीजी कालेज मसूरी समेत अनेक महाविद्यालयों में नियुक्ति पर प्रतिबंध लगाया हुआ है जिसके कारण एमकेपी महाविद्यालय तो किसी भी दिन बंद हो जाएगा और डीएवी डीबीएस महाविद्यालय में अनेक विभाग बंदी की कगार में पहुंच गए हैं। श्री धस्माना ने कहा कि यह एक सोची समझी साजिश है जिससे इन महाविद्यालयों में पढ़ने वाले लाखों विद्यार्थी जो कम पैसे में उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं वे इन संस्थाओं के बंद होने पर निजी विश्वविद्यालयों का रुख करेंगे और सरकारी सस्ती शिक्षा समाप्त हो जाएगी जिसका सीधा लाभ निजी विश्वविद्यालयों को चलाने वाले धन्ना सेठों को होगा। श्री धस्माना ने कहा कि सरकार की इस जन विरोधी नीति का कांग्रेस डट कर विरोध करेगी और सड़क व सदन दोनों जगह संघर्ष किया जाएगा।