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Thursday, September 19, 2024

वैश्विक खाद्य विनियामक शिखर सम्मेलन 2024 के प्रतीक चिन्ह और ब्रोशर का अनावरण

नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा ने आज निर्माण भवन में वैश्विक खाद्य विनियामक शिखर सम्मेलन (जीएफआरएस) 2024 के प्रतीक चिन्ह और ब्रोशर का अनावरण किया। इस शिखर सम्मेलन का आयोजन भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तत्वावधान में 21 सितंबर तक भारत मंडपम, नई दिल्ली में किया जा रहा है, साथ ही खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा वर्ल्ड फूड इंडिया 2024 कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने वैश्विक मंच पर खाद्य सुरक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुए इस बात पर जोर दिया, “यद्यपि खाद्य सुरक्षा लंबे समय से अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों का केंद्र रही है, लेकिन वैश्विक आबादी का स्वास्थ्य और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए खाद्य सुरक्षा को समान प्राथमिकता दी जानी चाहिए।” उन्होंने कहा कि शिखर सम्मेलन खाद्य विनियामकों का एक वैश्विक मंच तैयार करेगा, जहां वे खाद्य मूल्य श्रृंखला में खाद्य सुरक्षा प्रणालियों और विनियामक ढांचे को मजबूत बनाने के संबंध में विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। श्री जे पी नड्डा ने वैश्विक खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता सुनिश्चित करने की दिशा में ज्ञान के आदान-प्रदान की भूमिका पर जोर देते हुए उभरते खतरों, तकनीकी प्रगति और बदलती उपभोक्ता मांगों से निपटने के लिए खाद्य सुरक्षा और विनियामक परिदृश्य में निरंतर अनुकूलन की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, “यह दूसरा वैश्विक खाद्य विनियामक शिखर सम्मेलन है जिसमें 30 अंतर्राष्ट्रीय संगठन और 70 से अधिक देश भाग ले रहे हैं, जिनमें खाद्य सुरक्षा विनियामक और जोखिम मूल्यांकन प्राधिकरण, अनुसंधान संस्थान एवं विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधि शामिल हैं। शिखर सम्मेलन में लगभग 5,000 प्रतिनिधि भाग लेंगे और लगभग 1.5 लाख लोग वर्चुअल रूप से शामिल होंगे। हम रणनीतियों और सहयोग के साधनों पर चर्चा करेंगे। विनियामकों के प्रमुख मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी।”  भाग लेने वालों संगठनों में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ), खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ), कोडेक्स एलिमेंटेरियस कमीशन, यूरोपीय खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण और ज्वाइंट इंस्टीट्यूट फॉर फूड सेफ्टी एंड अप्लाइड न्यूट्रीशन, अमेरिका शामिल हैं। शिखर सम्मेलन में कोडेक्स एलिमेंटेरियस कमीशन के सचिवालय का प्रतिनिधित्व इसके अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सचिव करेंगे। इस कार्यक्रम को वर्चुअल माध्यम से डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस संबोधित करेंगे।  वाणिज्य विभाग, खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय (एमओएफपीआई), उपभोक्ता कार्य मंत्रालय, कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा), समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एमपीईडीए) और निर्यात निरीक्षण परिषद (ईआईसी), एनएबीसीबी सहित राष्ट्रीय हितधारक खाद्य सुरक्षा मानकों को आगे बढ़ाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर बल देते हुए शिखर सम्मेलन में सक्रिय रूप से भाग लेंगे। श्री नड्डा ने कहा कि “यह पहला अवसर होगा कि कोई क्षेत्रीय खाद्य विनियामक सम्मेलन रोम से बाहर आयोजित किया जा रहा है और इसकी मेजबानी करना भारत के लिए गर्व की बात है। यह सम्मेलन कोडेक्स एलिमेंटेरियस कमीशन के भीतर मानक-निर्धारण प्रक्रिया में क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने पर केंद्रित है। यह एशियाई देशों को खाद्य सुरक्षा, व्यापार और क्षेत्र के लिए विशिष्ट विनियामक चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए एक समर्पित मंच प्रदान करेगा।” केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि “जीएफआरएस 2.0 में सूक्ष्मजीवीरोधी प्रतिरोध (एएमआर) को कम करने, स्वास्थ्य पूरक और न्यूट्रास्यूटिकल्स के विनियमन, टिकाऊ खाद्य पैकेजिंग, सभी के लिए खाद्य सुरक्षा और पोषण सुनिश्चित करने, अवशेष और संदूषक निगरानी प्रणाली, खाद्य परीक्षण से संबंधित नवीन विश्लेषण, खाद्य सुरक्षा एवं मानव स्वास्थ्य तथा खेल और पोषण पर पशु चारे का प्रभाव जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।” उन्होंने कहा, “शिखर सम्मेलन खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने, अनुपालन के लिए समझ विकसित करने, सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों को साझा करने और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में अन्य देशों के साथ तालमेल बनाने के लिए एकीकृत नेटवर्क बनाने में मदद करेगा।” पोषण जागरूकता बढ़ाने के लिए दूरदर्शन पर मोटे अनाजों पर आधारित व्यंजनों को बढ़ावा देने वाले 13-एपिसोड के शो “फ्लेवर्स ऑफ श्री अन्न- सेहत और स्वाद के संग” का भी इस कार्यक्रम में शुभारंभ किया जाएगा। शिखर सम्मेलन की मुख्य विशेषताओं में भारतीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के खाद्य सुरक्षा प्रदर्शन का आकलन करने वाले राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक (एसएफएसआई) 2024 की शुरुआत; कारोबार करने में आसानी को बढ़ावा देने, पौष्टिक खाद्य पदार्थों तक पहुंच बढ़ाने और खाद्य सुरक्षा बुनियादी ढांचे में सुधार पर चर्चा करने के लिए वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ प्रमुख खाद्य कंपनियों के सीईओ का सम्मेलन और भूटान, अर्जेंटीना, न्यूजीलैंड एवं ऑस्ट्रेलिया के साथ द्विपक्षीय बैठकें शामिल हैं। जीएफआरएस 2.0 की सबसे प्रतीक्षित विशेषताओं में से एक खाद्य सुरक्षा कार्यप्रणालियों और सूचना साझाकरण को बदलने के उद्देश्य से कई अभिनव पहलों का शुभारंभ है। इनमें खाद्य आयात अस्वीकृति अलर्ट (एफआईआरए) को समर्पित एक नई वेबसाइट की शुरुआत और खाद्य आयात क्लीयरेंस प्रणाली 2.0 (एफआईसीएस 2.0) का अनावरण शामिल है। ‘एफआईआरए’ एक ऑनलाइन पोर्टल है जिसे भारतीय सीमाओं पर खाद्य आयात अस्वीकृतियों की जानकारी साझा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह आम जनता और संबंधित देश के खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण दोनों के लिए एक ऑनलाइन अलर्ट अधिसूचना मंच के उद्देश्य की पूर्ति करता है। त्वरित प्रसंस्करण और पारदर्शिता के लिए खाद्य आयात क्लीयरेंस प्रणाली का उन्नत संस्करण एफआईसीएस 2.0, नई सुविधाओं, स्वचालन और अन्य प्रासंगिक पोर्टलों के साथ एकीकरण सहित पूर्ण ऑनलाइन समाधान प्रदान करके पहले की प्रणाली की कमियों को दूर करता है। इसके अतिरिक्त, भारतीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के खाद्य सुरक्षा प्रदर्शन का मूल्यांकन करने वाली एक वार्षिक रिपोर्ट, राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक (एसएफएसआई) 2024 शिखर सम्मेलन में जारी की जाएगी। वैश्विक खाद्य विनियामक शिखर सम्मेलन 2024 में ज्ञान के आदान-प्रदान और खाद्य सुरक्षा के लिए सामंजस्यपूर्ण दृष्टिकोण के विकास के अवसर प्रदान करते हुए अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और वैज्ञानिकों द्वारा मुख्य भाषण, खाद्य विनियामकों के साथ तकनीकी और पूर्ण सत्र, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय हितधारकों के साथ इंटरैक्टिव सत्र तथा वर्तमान और उभरती चुनौतियों का समाधान करने के लिए द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय बैठकों सहित विविध प्रकार की गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। कर्टेन रेजर कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव एवं एफएसएसएआई के अध्यक्ष श्री अपूर्व चंद्रा; एफएसएसएआई के सीईओ श्री जी. कमला वर्धन राव; स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री निखिल गजराज; एफएसएसएआई के कार्यकारी निदेशक श्री यू.एस. ध्यानी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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