देहरादून। अभियोजन विभाग देहरादून द्वारा डीआईटी यूनिवर्सिटी के छात्रों और शिक्षकों को उत्तराखण्ड में लागू हुयी समान नागरिक संहिता, 2025 के संदर्भ में ऐतिहासिक पृष्ठभूमि तथा आवश्यकता प्रावधानों से परिचित कराया गया। संयुक्त निदेशक (विधि) देहरादून गिरीश चन्द्र पंचोली द्वारा यूसीसी कानून की आवश्यकता के कारणों विषय में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया गया कि आखिर क्यों यह कानून आज समय के आवश्यकता थी। उनके द्वारा उपस्थित छात्रों से आग्रह किया कि, आप स्वयं ही इस कानून को समझें और समाज में किसी के मन में कोई भ्रांति उत्पन्न हो रही हो तो उसे भी दूर करें। श्रीमती रेणु लोहनी पुलिस अधीक्षक विकासनगर ,देहरादून द्वारा यूसीसी के प्रावधानों के अंतर्गत महिलाओं के अधिकारों के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया। पंकज कुमार राय, विशेष लोक अभियोजक/गैंगस्टर एवं बर्ड्स अधिनियम, देहरादून द्वारा श्रोताओं को भारत में नागरिक कानूनों के इतिहास एवं विकास में परिचित कराया गया। उन्होंने बताया कि संविधान सभा द्वारा भी समान नागरिक संहिता की आवश्यकता को बताया गया था, परन्तु उस समय की सामाजिक परिस्थितियों को देखते हुए इसे आने वाली सरकारों के लिए छोड दिया। श्रीमती ममता मनादुली, विशेष लोक अभियोजक, अनुसूचित जाति एवं जनजाति न्यायालय देहरादून द्वारा अपने व्याख्यान में संहिता के विभिन्न प्रावधानों से परिचित करवाया गया। भानु प्रताप बिष्ट, सहायक अभियोजन अधिकारी, देहरादून द्वारा यूसीसी पोर्टल में पंजीकरण एवं पंजीकरणकर्ता के कर्तव्यों एवं अधिकारों से परिचित कराया गया। डीआईटी यूनिवर्सिटी के प्रबंधन व पदाधिकारियों द्वारा आमजन व छात्रों को लगातार सामाजिक व कानूनी जागरूकता कार्यक्रम कराए जाने हेतु अपना सहयोग हमेशा प्रदान करने की बात कही गई। गिरीश चन्द्र पंचोली द्वारा यूसीसी को आज समय एवं समाज की आवश्यकता बताया। उनके द्वारा इसके संबन्ध में भ्रांति एवं शंका होने पर उसके समाधान हेतु अभियोजन विभाग, देहरादून द्वारा चलाये जा रहे अभियान के विषय में बताते हुए व्हट्सएप मोबाइल नं. 9455286881 जारी किया और बताया कि यूसीसी के सम्बनध में किसी भी प्रकार की शंकाओं का समाधान उक्त दिये गये नम्बर पर व्हट्सएप के माध्यम से “सवाल है तो पूछें“ शीर्षक से प्राप्त कर सकते हैं।