देहरादून/ नई दिल्ली। भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने समुद्र में भारतीय नौसेना द्वारा परिचालन प्रदर्शन देखा। राष्ट्रपति आईएनएस हंसा (गोवा में नौसेना वायु स्टेशन) पहुंचे और उनका स्वागत किया गया। नौसेना स्टाफ के प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी और पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल संजय जे सिंह द्वारा। उनके आगमन पर 150 लोगों की औपचारिक ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ परेड भी की गई। इसके बाद राष्ट्रपति ने भारतीय नौसेना के 15 अग्रिम पंक्ति के युद्धपोतों और पनडुब्बियों की कंपनी में काम करते हुए स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को गोवा के समुद्र में उतारा। यह राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू की समुद्र में भारतीय नौसेना के जहाजों की पहली यात्रा थी। राष्ट्रपति को भारतीय नौसेना की भूमिका, चार्टर और संचालन की अवधारणा के बारे में जानकारी दी गई। इसके बाद राष्ट्रपति ने कई नौसैनिक अभियानों को देखा, जिसमें डेक-आधारित लड़ाकू टेक-ऑफ और लैंडिंग, एक युद्धपोत से मिसाइल फायरिंग अभ्यास, पनडुब्बी संचालन, 30 से अधिक विमानों का फ्लाईपास्ट और युद्धपोतों के पारंपरिक स्टीम-पास्ट के साथ समापन शामिल था। राष्ट्रपति दोपहर के भोजन के समय आईएनएस विक्रांत के चालक दल के साथ भी बातचीत की, जिसके बाद बेड़े को उनका संबोधन समुद्र में सभी इकाइयों को प्रसारित किया गया।