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Saturday, June 28, 2025

राज्यपाल ने दी गणतंत्र दिवस की 75वीं वर्षगांठ पर प्रदेशवासियों को बधाई

देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने गणतंत्र दिवस की 75वीं वर्षगांठ पर सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दी हैं। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में राज्यपाल ने इस शुभ अवसर पर देश की एकता और अखंडता की रक्षा हेतु अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और वीर शहीदों को स्मरण कर श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी, भारतीय संविधान के प्रमुख शिल्पी बाबासाहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर जी और संविधान निर्माताओं को भी नमन किया है। राज्यपाल ने कहा कि हमने देश की आजादी के शताब्दी वर्ष 2047 तक भारतवर्ष को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है। हम इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। आज का नया भारत हर क्षेत्र मंे प्रगति करते हुए वैश्विक मंच पर एक सशक्त राष्ट्र के रूप में उभरा है। आज हमारी उपलब्धियाँ केवल आर्थिक या सैन्य ताकत तक सीमित नहीं हैं, बल्कि विज्ञान, टेक्नोलॉजी, शिक्षा, संस्कृति और खेल आदि सभी क्षेत्रों में भारत ने अद्वितीय सफलता हासिल की है। उन्होंने कहा कि विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनना भारत की तेज प्रगति का सूचक है। हाल के वर्षों में हमने ‘‘मेक इन इंडिया’’ और ‘‘आत्मनिर्भर भारत’’ जैसे अभियानों के माध्यम से उत्पादन और निर्यात को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। भारत अब विश्व का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन चुका है जो हमारे युवा उद्यमियों की रचनात्मकता और मेहनत का परिणाम है। आज हर क्षेत्र में हो रहे तेजी से विकास के कारण देश के युवाओं के लिए नए भारत में अवसरों की भरमार है। राज्यपाल ने कहा कि देश की विकास यात्रा में उत्तराखण्ड भी बढ़-चढ़कर योगदान दे रहा है। राज्य सरकार के प्रयासों और आप सभी के परिश्रम से हम न केवल आर्थिक और सामाजिक विकास के नए आयाम छू रहे हैं बल्कि देश के अग्रणी राज्यों में शामिल होने की दिशा में भी तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं। केन्द्र और राज्य के बीच बेहतर तालमेल के कारण केन्द्र सरकार से मिल रही मदद राज्य के तीव्र विकास में सहायक सिद्ध हो रही है। राज्यपाल ने कहा कि पर्यटन हमारे प्रदेश की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। आध्यात्मिक पर्यटन के क्षेत्र में चारधाम, कांवड़, हेमकुंड साहिब एवं मानसखण्ड की यात्रा में विश्वभर से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि साहसिक, वेलनेस, इको टूरिज्म आदि पर्यटन के विभिन्न क्षेत्रों के लिए उत्तराखण्ड हमेशा से ही सैलानियों की पसंदीदा डेस्टिनेशन रही है। शीतकालीन यात्रा के प्रति श्रद्धालुओं की रुचि को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि उत्तराखण्ड ऑल सीजन टूरिज्म के केन्द्र के रूप में स्थापित हो रहा है। राज्यपाल ने कहा कि यह हमारे लिए अत्यंत गर्व का विषय है कि इस वर्ष राष्ट्रीय खेलों के आयोजन का सौभाग्य उत्तराखण्ड को मिला है। उत्तराखण्ड में पहली बार आयोजित हो रहे इतने बड़े खेल आयोजन में देशभर के सैकड़ों खिलाड़ी, प्रशिक्षक और खेल प्रेमी शामिल हो रहे हैं। राष्ट्रीय खेलों के माध्यम से उत्तराखण्ड देश के सभी राज्यों के सामने अपने शानदार खेल, इंफ्रास्ट्रक्चर, खेल प्रतिभाओं और ‘‘अतिथि देवो भवः’’ सत्कार का प्रदर्शन करेगा। यह खेल आयोजन प्रदेश की खेल प्रतिभाओं के विकास के साथ ही खेल सुविधाओं के विस्तार के लिए भी एक मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) कानून को लाने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य बन गया है। इससे जहां एक ओर प्रदेश में समानता व समरसता की भावना प्रबल होगी वहीं दूसरी ओर सभी वर्गों को सम्मानित और न्यायपूर्ण जीवन जीने का अधिकार मिलेगा। राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड के 25वें स्थापना दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सभी प्रदेशवासियों एवं यहां आने वाले पर्यटकों से नौ आग्रह किए जो उत्तराखण्ड की पहचान, संस्कृति और समृद्धि को मजबूत करने के साथ ही राज्य के समग्र विकास का मार्ग प्रशस्त करते हैं। गणतंत्र दिवस के इस शुभ अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री जी के इन नौ आग्रहों को नौ संकल्पों में बदलकर एक स्वच्छ, समृद्ध और आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड के निर्माण में अपना योगदान दें। विकसित एवं आत्मनिर्भर प्रदेश के लक्ष्य को प्राप्त कर ही हम विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण सहभागी बन सकते हैं। राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड की मातृशक्ति और बेटियों की क्षमताओं पर गर्व करते हुए कहा कि उनकी मेहनत, समर्पण और साहस ने प्रदेश को हमेशा नई ऊर्जा और दिशा दी है। अपनी असाधारण क्षमताओं से मातृशक्ति प्रदेश और देश को समृद्ध बनाने में योगदान दे रही हैं। उन्होंने विश्वास जताया है कि महिलाएं अपनी प्रतिभा और कौशल से उत्तराखण्ड की संभावनाओं को अवसरों में बदलकर प्रदेश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगी। राज्यपाल ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड को प्रकृति ने योग, आयुर्वेद, हनी, अरोमा और वेलनेस जैसे क्षेत्रों में विशेष आशीर्वाद दिया है। इन प्राकृतिक और सांस्कृतिक संपदाओं का बेहतर उपयोग करते हुए हमें इन्हें आर्थिक अवसरों में बदलने की दिशा में काम करना होगा। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इन संसाधनों को वैश्विक पहचान दिलाते हुए प्रदेश के विकास और समृद्धि में योगदान दें। राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड के युवा हर क्षेत्र में आगे हैं बस जरूरत है समय के साथ खुद को अपडेट करने की। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम कम्प्यूटिंग और मेटावर्स जैसी तकनीक अब व्यापार, उद्योग और अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी है। उन्होंने इन आधुनिक तकनीकों में दक्षता हासिल कर, अपनी कार्यक्षमताओं को बढ़ाने और प्रदेश व राष्ट्र की उन्नति में नए कीर्तिमान स्थापित करने का आह्वान किया है। राज्यपाल ने इस अवसर पर युवाओं से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के नशे या ड्रग्स जैसी गलत आदतों को न अपनाएं। उन्होंने समाज के सभी वर्गों, अभिभावकों, शिक्षकों, समाजसेवी संगठनों से भी अपील की है कि वे इस दिशा में जागरूकता फैलाने और नशा मुक्त समाज बनाने की इस मुहिम में आगे आएं। राज्यपाल ने प्रदेशवासियों से इस वर्ष भी पूरे समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ राज्य को विकास और प्रगति की नई ऊंचाइयों तक ले जाने के संकल्प का आह्वान किया है।

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