देहरादून। प्रदेश में भूस्खलन आदि के चलते बदरीनाथ हाईवे समेत 142 मार्ग बंद हुए। लोगों को मार्ग खुलने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा। जबकि 56 मार्ग दो दिन से बंद थे। लोनिवि ने इसमें से 89 मार्ग को खोल दिया। इसके बाद भी 109 सड़क बंद हैं। इसमेें एक राष्ट्रीय राजमार्ग और सात राजमार्ग शामिल हैं। इसके अलावा 11 मुख्य जिला मार्ग, दो अन्य जिला मार्ग और 88 ग्रामीण मार्ग शामिल हैं। भारी बारिश के कारण पिथौरागढ़ के धारचूला में काली नदी का जल स्तर खतरे के निशान से 0.90 मीटर ऊपर चला गया है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने अलर्ट जारी करते हुए अतिरिक्त सतर्कता बरतने को कहा है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक, केंद्रीय जल आयोग की वेबसाइट से जारी दैनिक जल स्तर एवं पूर्वानुमान के तहत शाम काली नदी का जल स्तर खतरे के निशान से 0.90 मीटर ऊपर चला गया है। ऐसे में हर स्तर पर सावधानी बरती जाए। केंद्रीय जल आयोग से जल स्तर की मॉनिटरिंग की जाए। लोगों को इसके प्रति आगाह किया जाए। ताकि कोई जनहानि न हो। भारी बारिश से रुद्रप्रयाग जनपद में अलकनंदा और मंदाकिनी नदी खतरे के निशान पर बह रही है। प्रशासन ने अगस्त्यमुनि व रुद्रप्रयाग में अलर्ट जारी कर दिया है। चमोली में भी अलकनंदा पिंडर, धौली गंगा, नंदाकिनी नदी उफान पर बह रही है। ऋषिकेश और हरिद्वार में गंगा भी खतरे के निशान पर है।
उत्तराखंड के नौ जिलों में भारी से अत्यंत भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने सभी जिलाधिकारियों को अलर्ट किया है। केंद्र ने उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पर्यटकों के आवागमन पर रोक लगाते हुए एडवाइजरी जारी की है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की ओर से जारी एडवाइजरी के मुताबिक,अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत, नैनीताल, पिथौरागढ़, ऊधमसिंह नगर, पौड़ी, चमोली और रुद्रप्रयाग जिले में कहीं-कहीं भारी से अत्यंत भारी बारिश होने की आशंका है। कहीं-कहीं गर्जन के साथ आकाशीय बिजली भी चमक सकती है। लिहाजा सभी जिलाधिकारियों को हर स्तर पर अतिरिक्त तत्परता एवं सुरक्षा बनाए रखते हुए आवागमन में नियंत्रण रखने को कहा गया है। आपदा प्रबंधन आईआरएस प्रणाली के नामित समस्त अधिकारी और नोडल अधिकारियों को हाई अलर्ट मोड में रखा जाएगा। एनएच, पीडब्ल्यूडी, पीएमजीएसवाई, एडीबी, बीआरओ और सीपीडब्ल्यूडी को मोटर मार्ग बंद होने पर तत्काल खोलने के निर्देश दिए गए हैं। सभी पटवारी, ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारियों को अपने क्षेत्रों में ही बने रहने को कहा गया है। सभी थाने, चौकी को वायरलैस के साथ हाईअलर्ट पर किया गया है। अधिकारियों, कर्मचारियों को सख्त निर्देश हैं कि वे अपने मोबाइल स्विच ऑफ न करें। असामान्य मौसम, भारी बारिश की चेतावनी के बीच उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पर्यटकों के आवागमन पर रोक लगाई गई है।