ऋषिकेश, 10 अक्टूबर। मां गंगा के पावन तट, परमार्थ निकेतन में आज श्रीमद् भागवत कथा का दिव्य शुभारंभ हुआ। पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती के प्रेरक संदेशों ने श्रद्धालुओं के हृदयों को अध्यात्म और भक्ति के प्रकाश से आलोकित किया। पूज्य स्वामी जी ने कहा कि “कार्तिक माह धर्म, साधना और अध्यात्म का सर्वोत्तम समय है। गंगा स्नान से शरीर शुद्ध होता है, कथा श्रवण से आत्मा और मन शुद्ध होते हैं। कथा हमें धैर्य, भक्ति और संयम का संदेश देती है।” कथाव्यास मं. मं. श्री कनकेश्वरी देवी अपनी मधुर वाणी में भक्ति, ज्ञान और भव्यता का अमृत प्रवाहित कर रही हैं। अहमदाबाद, गुजरात से पधारे श्रद्धालु इस कथा रसपान का आनंद ले रहे हैं। पूज्य स्वामी ने कहा कि “यह पावन व्रत नारी शक्ति के अटूट प्रेम और आस्था का प्रतीक है। माँ पार्वती और भगवान शिव का आशीर्वाद सभी के जीवन में सौभाग्य, स्वास्थ्य और समृद्धि लाए।” विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर संदेश :- “मन की शांति शरीर की सेहत जितनी ही आवश्यक है। जैसे शरीर को पोषण चाहिए, वैसे ही मन को सुकून, ध्यान और प्रेम चाहिए। आइए हम मानसिक स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें और एक संवेदनशील समाज का निर्माण करें।”-पूज्य स्वामी,
कथा आयोजक श्रीमती करूणाबेन प्रागजी भाई पटेल, प्रागजी भाई नारण, भाई पटेल एवं परिवारजन का हृदय से आभार-जिन्होंने इस पावन आयोजन को दिव्यता और भक्ति से ओत-प्रोत बनाया।