ऋषिकेश, 13 अक्टूबर। परमार्थ निकेतन में स्वास्थ्य और कल्याण के क्षेत्र में एक नूतन पहल के रूप में पांच दिवसीय एक्यूपंक्चर कैम्प आरंभ हुआ। अमेरिका से आए 15 विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम ने गंगा तट पर रोगियों को एक्यूपंक्चर चिकित्सा के माध्यम से राहत प्रदान करने के इस अभियान में भाग लिया।पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि “सेवा और मानवता का मार्ग भौगोलिक सीमाओं से परे है। यह कैम्प दर्शाता है कि जब हम अपने ज्ञान, अनुभव और कौशल को दूसरों के कल्याण के लिए समर्पित करते हैं, तब जीवन का सबसे बड़ा सुख और तृप्ति हमें प्राप्त होती है। अमेरिका से आए चिकित्सक यह संदेश दे रहे हैं कि सेवा कोई सीमा, कोई देश या समय नहीं देखती। यही सच्चा आध्यात्मिक अभ्यास है।” पूज्य साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि “यह कैम्प शरीर को स्वस्थ करने के साथ हृदय को भी सशक्त करने का अवसर है। गंगा के पावन किनारे की शांति यह स्मरण कराती है कि सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। हमारी छोटी-सी कोशिश किसी के जीवन में अमूल्य राहत और आनंद ला सकती है। प्रेम, धैर्य और समर्पण ही सच्ची सेवा का सार है।” इस कैम्प में अमेरिका से आए विशेषज्ञ चिकित्सक- सेमी रैंक, नारायण ब्रावो, मारिया, लॉरा एंजेल, मेलिंडा ट्रेम्मेल, क्रिस्टीन मिशेल, आलियाह कारूसो, एम्मा रदरफोर्ड, रेजीना बर्कले, लिसा डिमैगियो, केनेल शेफर्ड, एंथनी विलियम्स, राचेल फील्ड और क्रिस्टीन कासेरेस-सेवाभाव से रोगियों को उपचार प्रदान कर रहे हैं। पूज्य स्वामी और पूज्य साध्वी ने सेमी रैंक और उनकी पूरी टीम को रूद्राक्ष का दिव्य पौधा भेंट कर सम्मानित किया और उनके सेवाभाव का अभिनन्दन किया। सेवा के इस दिव्य संगम ने गंगा तट को और भी पावन बना दिया-जहाँ सेवा है, वहाँ ही सच्चा धर्म है वहाँ ही सच्चा आनंद है।