देहरादून। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने राजस्थान के पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में चौथी पीढ़ी, तकनीकी रूप से उन्नत लघु रेंज वायु रक्षा प्रणाली (वीएसएचओआरएडीएस) के तीन उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक आयोजित किए। अधिकतम सीमा और अधिकतम ऊंचाई अवरोधन के बहुत महत्वपूर्ण मापदंडों का प्रदर्शन करते हुए, उच्च गति लक्ष्य के विरुद्ध किया गया। इन विकास परीक्षणों ने विभिन्न लक्ष्य निर्धारण परिदृश्यों में हथियार प्रणाली की हिट-टू-किल क्षमता की पुनरावृत्ति को प्रदर्शित किया, जिसमें आने, पीछे हटने और क्रॉसिंग मोड शामिल थे। VSHORADS मिसाइलों का विकास पूरा हो चुका है और दो उत्पादन एजेंसियां विकास सह उत्पादन भागीदार (DcPP) मोड में लगी हुई हैं। इन परीक्षणों में, डीसीपीपी के माध्यम से प्राप्त मिसाइलों का सफलतापूर्वक उपयोग किया गया है, इस प्रकार प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण के अनुरूप कम समय में प्रारंभिक उपयोगकर्ता परीक्षणों और उत्पादन का मार्ग प्रशस्त हुआ है। VSHORADS एक मैन पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम है जिसे अन्य DRDO प्रयोगशालाओं और DcPPs के सहयोग से रिसर्च सेंटर इमारात (RCI) द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है। तीनों सेनाएं शुरू से ही इस परियोजना से जुड़ी रही हैं और विकासात्मक परीक्षणों के दौरान भाग लिया है। रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने सफल विकास परीक्षणों में शामिल डीआरडीओ, सशस्त्र बलों और उद्योग को बधाई दी है। उन्होंने कहा, आधुनिक तकनीकों से लैस यह नई मिसाइल हवाई खतरों के खिलाफ सशस्त्र बलों को और अधिक तकनीकी बढ़ावा देगी। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने भी सफल उड़ान-परीक्षणों के लिए डीआरडीओ टीम, उद्योग भागीदारों और उपयोगकर्ताओं को बधाई दी।