देहरादून 01 सितम्बर। उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और पूर्व मंत्री धीरेंद्र प्रताप ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के उसे बयान को उनकी प्रतिष्ठा के प्रतिकूल बताया है जिसमें उन्होंने भाजपा से पहले देश में सत्ता में रहे लोगों को देश विरोधी नॉरेटिव फैलाने का आरोप लगाया है। धीरेंद्र प्रताप ने कहा है कि उपराष्ट्रपति जगदीश धनकड जिस पद पर हैं उनसे उस पार्टी के प्रवक्ता के रूप में कार्य करने की उनसे अपेक्षा नहीं की जाती जिसके सदस्य होने के नाते चुनकर वह देश के उपराष्ट्रपति बने हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के पद राजनीतिक दलों की सीमाओं से ऊपर है। ऐसे में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा पुरानी सरकारों को देश विरोधी बता कर उनकी आलोचना करना कदापि न्याय संगत नहीं लगता। धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि आजादी के बाद पुरानी सरकारों ने भी देश का विकास किया है और देश में तरक्की के नए मील के पत्थर कायम किए हैं। ऐसे में श्री धनकड द्वारा देहरादून के दौरे पर पुरानी सरकारों की आलोचना किया जाना उनके पद की गरिमा के अनुरूप नहीं लगता। धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि जगदीप धनकड देश के वयोवृद्ध नेताओं में से हैं और प्रसिद्ध विधि नेता भी रहे हैं ऐसे में उन्हें उपराष्ट्रपति के रूप में जो भी बयान देने चाहिए वह उनकी आयु और उनके अनुभव की दृष्टि से तर्कसंगत और न्याय संगत होनेचाहिए। उन्होंने उपराष्ट्रपति से आग्रह किया कि वह जब देवभूमि हिमालय के दर्शन पर आए हैं तो अपने बयानों पर पुनर्विचार करें और गंगा की पावन धरती से अपने मन में फैले संताप को दूर कर बीती सरकारों द्वारा देश के लिए किए गए कामों को सच्चाई के तराजू पर कसकर, भविष्य के अपने विचारों को गढ़ने का काम करें। अन्यथा भविष्य में उनका इतिहास और मूल्यांकन एक जिम्मेदार उपराष्ट्रपति के रूप में नहीं बल्कि एक शुद्ध भाजपाई कार्यकर्ता के रूप में ही किया जाएगा।