- पुलिस प्रशासन ने नहीं की सख्ती, नहीं था लाकडाऊन वाला माहौल देहरादून, 29 नवम्बर
देहरादून, 29 नवम्बर राजधानी में साप्ताहिक बंदी पूरी तरह से सफल रही। आवश्यक सेवाओं की दुकानों को छोड़कर हर कैटेगरी की दुकानें बंद रही। साप्ताहिक बंदी में व्यापारियों ने भी सहयोग किया। उन्होंने अपने प्रतिष्ठान व दुकानें बंद रखी। इससे व्यापारिक कामकाज पूरी तरह से बंद रहे। साप्ताहिक बंदी के कारण सड़कों पर सीमित संख्या में वाहन चले। हालांकि लाकडाऊन जैसी कोई बात नही दिखी। पुलिस और प्रशासन ने वाहनों को रोकने अथवा आवागमन में बाधा डालने का प्रयास नहीं किया। गली मुहल्लों में भी साप्ताहिक बंदी का असर दिखा। मोती बाजार सब्जी मंडी समेत विभिन्न सब्जी मंडियां खुलीं। लेकिन सब्जी मंडियों में सीमित संख्या में ही ग्राहक पहुंचे। पल्टन बाजार, राजपुर रोड, रायपुर, प्रेमनगर, सुभाषनगर, राजपुर, हनुमान चौक, मोती बाजार, तिलक रोड, झंडा बाजार, कांवली रोड, माजरा, क्लेमेंटटाऊन, चकराता रोड बाजार पूरी तरह से बंद रहे। इन बाजारों में आवश्यक कैटेगरी की दुकानों को छोड़कर सभी दुकानें बंद रही। व्यापारियों ने प्रशासन के खौफ और स्वयं की प्रेरणा से दुकानें बंद रखी। गली कूचों में भी अधिकतर दुकानें बंद रही। दूध व दुग्ध उत्पादों की दुकानें अवश्य खुली रहीं। दवा की दुकानें भी खुली रही। प्रशासन की सख्ती के कारण ठेले खोमचे वाले भी सीमित संख्या में सड़को पर उतरे। पुलिस की तरफ से किसी को भी परेशान नहीं किया गया।
व्यापारी नेता विनोद गोयल का कहना है कि कारोबारी हमेशा ही सरकार के नियम और कानून को मानता रहा है। हमने कभी भी साप्ताहिक बंदी का विरोध नहीं किया। हम हमेशा ही श्रम कानूनों को मानते रहे हैं। व्यापारी नेता विपिन नागलिया कहते हैं कि प्रशासन का यह अच्छा फैसला है। इसका अधिक से अधिक समर्थन किया जाना चाहिए। व्यापारी स्वयं की प्रेरणा से बंदी के समर्थक हैं।