नई दिल्ली, हमेशा की तरह चौंकाते हुए भाजपा ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू को प्रत्याशी बनाया है, वहीँ विपक्षी दलों की ओर से राष्ट्रपति चुनाव के लिए संयुक्त उम्मीदवार के रूप में पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार बनाया गया है। वैसे तो इस चुनाव में द्रौपदी मुर्मू की जीत पक्की मानी जा रही है। अगर द्रौपदी मुर्मू की जीत होती है तो वह देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति होंगी। झारखंड की नौंवी राज्यपाल रहीं 64 साल की द्रौपदी मुर्मु ओडिशा के मयूरभंज की रहने वाली हैं। वे उड़ीसा के ही रायरंगपुर से विधायक रह चुकी हैं। वह पहली उड़िया नेता हैं जिन्हें राज्यपाल बनाया गया था। इससे पहले बीजेपी-बीजेडी गठबंधन सरकार में साल 2002 से 2004 तक वह मंत्री भी रहीं। मुर्मू झारखंड की पहली आदिवासी महिला राज्यपाल भी रही हैं।
एक तरह से राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा ने आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू को प्रत्याशी बना कर उड़ीसा की बीजेडी सरकार का समर्थन स्वतः हासिल कर लिया है क्यूंकि वह उड़ीसा के मयूरभंज जिले में आदिवासी परिवार में जन्मीं हैं और वह देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति होंगी। राष्ट्रपति चुनाव में संख्या बल के आधार पर बीजेपी नीत राजग मजबूत स्थिति में है और उसे यदि बीजेडी या आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस जैसे दलों का समर्थन मिल जाता है तो उसकी जीत सुनिश्चित हो जाएगी।
उड़ीसा में जन्मीं द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि इस माटी की बेटी होने के नाते राष्ट्रपति चुनाव में बीजेडी से समर्थन देने का अनुरोध करूंगी। सीएम नवीन पटनायक की पार्टी बीजेडी उड़ीसा में सत्तारूढ़ है। उन्होंने कहा, ”आशा करती हूं कि ओडिशा के सभी सांसद और विधायक भी मेरा समर्थन करेंगे क्योंकि मैं राज्य से दो बार विधायक और बीजेडी-बीजेपी सरकार में मंत्री रह चुकी हूं।”
इस बीच ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने द्रौपदी मुर्मू को एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में नामित किए जाने पर बधाई दी, कहा कि यह राज्य के लोगों के लिए गर्व का क्षण है।
Congratulations Smt #DraupadiMurmu on being announced as candidate of NDA for the country’s highest office. I was delighted when Hon’ble PM @narendramodi ji discussed this with me. It is indeed a proud moment for people of #Odisha.
— Naveen Patnaik (@Naveen_Odisha) June 21, 2022