- सत्तारूढ़ एआईएडीएमके ने भारतीय जनता पार्टी के साथ आगामी चुनाव लड़ने का ऐलान
- 10 साल से एआईएडीएमके सत्ता में है. ऐसे में उसे आगामी चुनाव में सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ सकता है
- स्टालिन की पार्टी डीएमके कांग्रेस के साथ सियासी रण में उतर सकती है
- रजनीकांत प्रशंसकों का एक बड़ा वर्ग बीजेपी का समर्थक
चेन्नई. देश में बिहार का चुनाव खत्म हो चुका है। अब तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, असम और केरल के चुनाव को लेकर सरगर्मियां बढ़ी हुई हैं। अब तमिल सिनेमा के थलाइवा माने जाने वाले रजनीकांत अब देखना है कि वो राजनीति में क्या करिश्मा दिखा पाते हैं. तमिलनाडु के लोग उन्हें दीवानगी में ‘थलाइवा‘ कहते हैं, यह ‘थलाइवर’ से बना है, जिसका अर्थ है, ‘लीडर या बॉस.’ने भी सियासी एंट्री की घोषणा कर दी है। खास बात यह है कि रजनीकांत तमिलनाडु विधानसभा चुनाव से महज 5 महीने पहले अपनी पार्टी का सियासी पारी शुरू करने जा रहे हैं, इसके अलावा राज्य के दूसरे बड़े खिलाड़ी स्टालिन की पार्टी डीएमके कांग्रेस के साथ सियासी रण में उतर सकती है, हालांकि इसका ऐलान होना बाकी है। वहीं, सत्तारूढ़ एआईएडीएमके ने भारतीय जनता पार्टी के साथ आगामी चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। यह बात गौर करने वाली है कि बीजेपी तमिलनाडु की राजनीति में प्रवेश के लिए रास्ता तलाश करने में जुटी है।
पिछले 10 साल से एआईएडीएमके सत्ता में है. ऐसे में उसे आगामी चुनाव में सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ सकता है। जाहिर है ऐसे में अन्नाद्रमुक के खिलाफ पड़ने वाले वोट डीएमके की झोली में जा सकते हैं. लेकिन अगर चुनाव में दूसरे दल मजबूत होंगे, तो सत्ता विरोधी वोट का बंटना तय है. ऐसे में रजनीकांत और कमल हासन की पार्टियां डीएमके को ज्यादा नुकसान पहुंचा सकती हैं. ऐसे में बीजेपी वाले एनडीए को रजनीकांत के आने से फायदे की उम्मीदें ज्यादा हैं।
तमिलनाडु में अपनी जगह बनाने की कोशिश रही बीजेपी के लिए रजनीकांत का चुनाव लड़ना फायदेमंद भी साबित हो सकता है. क्योंकि काफी समय से रजनीकांत प्रशंसकों का एक बड़ा वर्ग बीजेपी का समर्थक नजर आता है. करीब 16 साल पहले भी रजनी के फैन एसोसिएशन ने रामदौस के रजनी के खिलाफ आए बयान के बाद बीजेपी का समर्थन करने की बात कही थी.