देहरादून, उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है। प्रत्याशियों की लिस्ट जारी होने के बाद राज्य की दोनों बड़ी पार्टियों में जबरदस्त बगावत शुरू हो गई है। गढ़वाल से कुमाऊँ और तराई तक 5 साल से तैयारी कर रहे कार्यकर्ताओं ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। भाजपा ने 20 जनवरी को 59 प्रत्याशियों के नाम की जारी की थी। इसमें कुमाऊं के 24 प्रत्याशी तय हुए हैं। जैसे ही नाम की घोषणा हुई। पार्टी के वर्तमान विधायक एवं नए दावेदार कार्यकर्ता टिकट न मिलने पर भड़के हैं। भीमताल, नैनीताल, कपकोट, धारचूला, द्वाराहाट, नानकमत्ता व काशीपुर में बगावत की स्थिति है। इसके अलावा रामनगर समेत देहरादून और गढ़वाल की सीटों पर भी जिस तरीके से पार्टी में विरोध चल रहे हैं, ऐसे में भीतरघात के साथ बगावत से इन्कार नहीं किया जा सकता है। इस मामले में भाजपा की बड़ी किरकिरी भी हुई है पार्टी द्वारा 20 जनवरी को पहली लिस्ट जारी करने के बावजूद विरोध को देखते हुए दूसरी फ़ाइनल लिस्ट जारी करने में फूंक-फूंक कर कदम रख रही है।
कांग्रेस की पहली लिस्ट में कुमाऊं की जिन 25 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया गया था वहां कुमाऊं और तराई क्षेत्र में भी कई सीटों पर कांग्रेस नेताओं की नाराजगी दिखाई दे रही है। उनमें कई सीटों पर बगावत शुरू हो गई है. बागेश्वर , गंगोलीहाट , किच्छा , गदरपुर , बाजपुर , सितारगंज आदि सीटों पर बगावत हो रही है. कांग्रेस ने जब से अपनी दूसरी लिस्ट फाइनल की है तब से हंगामा और बढ़ गया और इस लिस्ट में जो एक सबसे बड़ा हरीश रावत का था, हरीश रावत का रामनगर से नाम फ़ाइनल होते ही पिछले कई साल से तैयारी में लगे रंजीत रावत ने बगावत कर दी है, हरीश रावत के पिछले कुछ सालों तक खास रहे रंजीत रावत के साथ अब ख़राब सम्बन्ध जगजाहिर हैं उस पर रामनगर से चुनाव लड़ने के फैसले ने खटास को और बढ़ा दिया है। लेंसडाउन विधानसभा सीट से पूर्व काबीना मंत्री डॉ हरक सिंह रावत की बहू अनुकृति को टिकट देने के खिलाफ स्थानीय कांग्रेसियों ने भी मोर्चा खोल दिया। टिकट के दावेदार रघुवीर सिंह बिष्ट के समर्थकों ने मंगलवार को कांग्रेस भवन में प्रदर्शन किया है।
दूसरी लिस्ट में देहरादून कैंट, सहसपुर, राजपुर, रायपुर, लैंसडौन, ऋषिकेश, डोईवाला, लक्सर, कैंट, खानपुर और हरिद्वार समेत लगभग अधिकतर सीटों पर नेता नाराज है और कुछ सीटों से उम्मीदवारों के खिलाफ मोर्च खुल गए हैं। घनसाली से पिछली बार कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़े भीमलाल आर्य को टिकट नहीं मिलने पर, आर्य ने पार्टी पर धोखा देने का आरोप लगाते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। धनौल्टी में डॉ वीरेन्द्र सिंह रावत भी टिकट नहीं मिलने नाराज हैं। यमुनोत्री पिछली बार कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़े संजय डोभाल की बजाय इस बार चर्चाओं में रहे दीपक बिजल्वाण को दे दिया, जिसके बाद डोभाल ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। हालांकि कहा जा रहा है कि कांग्रेस की पहली लिस्ट पर कुछ विरेाध हुआ था, लेकिन दूसरी लिस्ट में जिन नेताओं को टिकट दिया गया है, उनमें कुछ प्रत्याशियों को काफी कमजोर प्रत्याशी माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार हाईकमान ने राज्य के नेताओं ने विवाद वाली सीटों पर दोबारा से नाम मांगे हैं। दूसरी लिस्ट के 11 उम्मीदवारों में पांच के टिकटों पर पार्टी पुनर्विचार कर सकती है और माना जा रहा है कि इनकी जगह दूसरे प्रत्याशियों को उम्मीदवार बनाया जा सकता है। सूत्रों की मानें तो 27 तक कांग्रेस एक नई संशोधित लिस्ट भी जारी कर सकती है।