- पोल्ट्री फार्म मालिकों के समर्थन के ऐलान से लगभग आधे रेट पर आ गईं मुर्गियां, अंडे भी हुए सस्ते
नई दिल्ली, किसान आंदोलन के चलते अंडों के दाम भी कम होना शुरू हो गए हैं किसान आंदोलन के चलते पोल्ट्री फार्म वाले भी थोड़ा संभलकर माल यहां-वहां भेज रहे हैं। ग्राहक भी कम ही आ रहे हैं पोल्ट्री फार्म मालिकों का कहना है कि हम भी किसान हैं. हम भी अंडा उत्पादन करते हैं। लेकिन हमे कोई सुविधा नहीं दी जाती है। हमारे अंडे की तो एमएसपी भी निर्धारित नहीं है. हमारे पोल्ट्री के लिए बिजली भी कॉमर्शियल रेट पर मिलती है. फिर भी हम इस किसान आंदोलन में किसानों के साथ हैं। ग्राहकों को भी पता है कि पोल्ट्री वाले खुद भी किसान हैं और आंदोलन तो क्या हुआ अगर हम कुछ दिन तक बाज़ार में अंडा नहीं बेचेंगे, साथ ही एक आम आदमी की हैसियत से भी हम इस बिल के खिलाफ हैं।
पोल्ट्री फार्म हाउस के मालिक और यूपी पोल्ट्री फार्म एसोसिएशन के अध्यक्ष नवाब अली का यह कहना है कि हम किसानों का समर्थन कर रहे हैं। इसलिए माल की उतनी सप्लाई नहीं हो पा रही है जितनी पहले हो रही थी. यही वजह है कि आंदोलन से पहले तक जो मुर्गी थोक में 80 रुपये किलो जा रही थी, वही अब लगभग आधे दाम पर बिक रही है। लेकिन हमें इसकी परवाह नहीं है. हम अपनी आने वाली पीढ़ी की जिंदगी को देख रहे हैं. किसानों के भविष्य के बारे में सोच रहे हैं और हम आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे।
अंडों के व्यापारी बताते हैं कि आंदोलन के 6-7 दिन तक तो सब कुछ ठीक-ठाक चला। 2 दिसम्बर को थोक में 100 अंडों के दाम 463 रुपये थे. यह वो वक्त था जब हर रोज़ अंडों के रेट में 2 से 4 रुपए कम-ज़्यादा हो रहे थे, लेकिन 2 तारीख के बाद से तो अंडे के दाम जो गिरना शुरु हुए तो अभी तक गिर ही रहे हैं. 7 दिसम्बर को बाज़ार में अंडों के दामो में 2 तारीख के मुकाबले 40 रुपये प्रति सैकड़ा गिर गए।