मुंबई 7 जुलाई बुधवार को बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार का निधन हो गया। अभिनेता पिछले कुछ दिनों से उम्र से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे थे और उन्हें कई बार अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें 30 जून को मुंबई के हिंदुजा अस्पताल की आईसीयू में भर्ती कराया गया था। दिलीप कुमार ने 98 साल की उम्र में सुबह 7:30 बजे अंतिम सांस ली। लंबे वक्त से दिलीप कुमार बीमार चल रहे थे, मुंबई में कई बार उन्हें अस्पताल में भी भर्ती करवाया गया था। अब बुधवार को बॉलीवुड के ट्रेजेडी किंग ने अंतिम सांस ली। दिलीप कुमार के निधन से पूरे सिनेमा जगत तथा देश सहित पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी शोक की माहौल है।
दिलीप कुमार को पिछले 30 दिनों में दो बार अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। पांच जुलाई को ही दिलीप कुमार की पत्नी सायरा बानो द्वारा जारी बयान में कहा गया था कि दिलीप कुमार की तबीयत में सुधार हो रहा है। वह अभी भी अस्पताल में ही हैं, आप उनके लिए दुआंये करें, लेकिन दो दिन बाद 7 जुलाई को ही दिलीप कुमार ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
दिलीप कुमार का जन्मे 11 दिसंबर, 1922 को पेशावर में जो अब पाकिस्तान में है,वह बटवारे से पहले ही भारत आ गए थे उनका असली नाम मोहम्मद युसुफ खान था। दिलीप कुमार उर्फ़ युसुफ खान ने अपनी पढ़ाई नासिक में की थी, राज कपूर उनके बचपन के दोस्त थे। मानो वहीं से दिलीप कुमार का सफर बॉलीवुड में शुरू हो गया था। करीब 22 साल की उम्र में ही दिलीप कुमार को पहली फिल्म मिल गई थी। 1944 में उन्होंने फिल्म ‘ज्वार भाटा’ में काम किया था, लेकिन उनकी इस फिल्म की अधिक चर्चा नहीं हो पाई थी।
ट्रेजेडी किंग दिलीप कुमार ने करीब पांच दशक के करियर में 60 के करीब फिल्में की थीं। ज्वार भाटा से शुरुआत करने वाले दिलीप कुमार की यादगार फिल्मों में शहीद, मेला, नदिया के पार, बाबुल, फुटपाथ, देवदास, नया दौर, मुगल-ए-आजम, गंगा-जमुना, राम और श्याम, करमा रहीं। दिलीप कुमार की आखिरी फिल्म किला थी, जो 1998 में आई थी। दिलीप कुमार ने अपने करियर में कई फिल्मों को ठुकरा दिया था, क्योंकि दिलीप कुमार का मानना था कि फिल्में कम हो लेकिन बेहतर हों। लेकिन दिलीप कुमार को मलाल भी रहा था कि वो प्यासा, दीवार में काम नहीं कर पाए थे।
दिलीप कुमार को भारत सरकार ने कई सम्मानों से अलंकृत किया था। दिलीप कुमार को पद्म विभूषण, दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड, पद्म भूषण से अलंकृत किया गया था। दिलीप कुमार 2000 से 2006 से राज्यसभा सांसद भी रहे। पाकिस्तान ने भी दिलीप कुमार को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशाने पाकिस्तान से नवाज़ा था।