देहरादून, 27 फरवरी, शनिवार को केंद्रीय विद्यालय बीरपुर में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस रमन प्रभाव की खोज के कारण मनाया जाता है इस खोज की घोषणा भारतीय वैज्ञानिक चंद्रशेखर वेंकट रमन (सर सी वी रमन) ने 28 फ़रवरी सन् 1928 को की थी। इसी खोज के लिये उन्हे 1930 में नोबल पुरस्कार दिया गया था। यह किसी भी भारतीय व एशियन व्यक्ति द्वारा जीता गया पहला नोबल पुरस्कार था। कोविड 19 के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए कार्यक्रम का प्रारंभ विद्यालय प्राचार्या उमा एस चंद्रा द्वारा दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया। कार्यक्रम प्रभारी गुंजन श्रीवास्तव ने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के विषय में बताया और सी वी रमन के जीवन पर प्रकाश डाला। ग्यारहवीं विज्ञान के छात्रों द्वारा विभिन्न विज्ञान के क्रियाकलाप प्रस्तुत किए गए और छात्र वक्ता अलका कुमारी ने सी वी रमन की वैज्ञानिक उपलब्धि के विषय में बताया । तत्पश्चात शिक्षक वक्ता देवेंद्र सिंह ने विज्ञान की अवश्यता पर बल दिया और परिणाम की चिंता किए बगैर अपना कर्म करने हेतु छात्रों को प्रेरित किया। शिक्षक वक्ता वी के सिंह ने विज्ञान, तकनीकी और अविष्कार पर वक्तव्य दिया और नए वैज्ञानिक अविष्कारों की अवश्यकता पर बल दिया और अंत में विद्यालय प्राचार्या उमा एस चंद्रा ने विज्ञान दिवस समारोह से संबंधित प्रश्नोत्तरी पूछी और विज्ञान दिवस की थीम पर बोलते हुए दैनिक क्रियाकलाप में विज्ञान की उपयोगिता के विषय में बताया और कहा कि बिना विज्ञान के जीवन संभव नहीं और छात्रों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण हेतु प्रेरित किया। इस तरह हम कह सकते है कि सी वी रमन के रमन प्रभाव की खोज के कारण मनाया जाने वाला राष्ट्रीय विज्ञान दिवस समारोह को केंद्रीय विद्यालय बीरपुर में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
केंद्रीय विद्यालय बीरपुर में आयोजित इस कार्यक्रम मे पीके थपलियाल, उमेश उपाध्याय, सूरज सिंह, वीके सिंह, गुंजन श्रीवास्तव, श्रीमती आहुजा, राणा क़दीर, उर्मिला बम्ब्रू, मनीषा आदि मौजूद रहे कार्यक्रम का संचालन राजीव मिश्रा ने किया।