25.1 C
Dehradun
Monday, June 23, 2025

10 सितंबर को मनाई जाएगी गणेश चतुर्थी, 9 सितंबर, रात 12 बजकर 17 मिनट पर चतुर्थी तिथि का प्रारम्‍भ होगा

  • 10 सितंबर को मनाई जाएगी गणेश चतुर्थी : डॉक्टर आचार्य सुशांत राज
  • 9 सितंबर, रात 12 बजकर 17 मिनट पर चतुर्थी तिथि का प्रारम्‍भ होगा

देहरादून, हिंदू पंचाग के अनुसार गणेश चतुर्थी 10 सितंबर 2021, शुक्रवार को मनाई जाएगी। 11 दिन तक चलने वाले इस पर्व को देशभर में बड़े ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को मनाया जाता है। मान्यता है कि गणेश जी का जन्म भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्थी को मध्याह्न काल में, सोमवार, स्वाति नक्षत्र एवं सिंह लग्न में हुआ था। इसलिए यह चतुर्थी मुख्य गणेश चतुर्थी या विनायक चतुर्थी कहलाती है। यह कलंक चतुर्थी के नाम से भी प्रसिद्ध है और लोक परम्परानुसार इसे डण्डा चौथ भी कहा जाता है। हिंदू कैलेंडर के हिसाब से भाद्रपद मास की शुरुआत हो चुकी है। इस माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। वैसे देखा जाए तो हर माह की चतुर्थी भगवान गणेश को ही समर्पित हैं, लेकिन भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को बेहद खास माना जाता है। मान्यता है कि इसी चतुर्थी को गणपति का जन्म हुआ था। इस बार गणेश चतुर्थी 10 सितंबर को पड़ रही है।
देशभर में इस गणेश चतुर्थी को भव्य उत्सव के रूप में मनाया जाता है। ये उत्सव पूरे दस दिनों तक चलता है। महाराष्ट्र में इस उत्सव की धूम को देखने के लिए दूर दूर से श्रद्धालु आते हैं। गणपति के भक्त चतुर्थी के दिन अपने बप्पा को ढोल नगाड़ों के साथ घर लेकर आते हैं और उन्हें घर में बैठाते हैं यानी स्थापित करते हैं। ये स्थापना 5, 7, 9 या पूरे 10 दिन की होती है। इन दिनों में गणपति की भक्त गण खूब सेवा करते हैं। उनके पसंदीदा भोग उन्हें अर्पित करते हैं। पूजा पाठ और कीर्तन किया जाता है। इसके बाद उनका विसर्जन कर दिया जाता है।                                                   

डॉक्टर आचार्य सुशांत राज ने जानकारी देते हुये बताया की गणेश चतुर्थी का पर्व भारत में पूरे धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस साल गणेश चतुर्थी 10 सितंबर को मनाई जाएगी। इस 11 दिवसीय पूजा की समाप्ति 21 सितंबर को होगी। गणेश चतुर्थी पर गणेश भगवान की पूजा अर्चना की जाती है। महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश में गणेश चतुर्थी प्रमुखता के साथ मनाई जाती है। गणेश चतुर्थी पर कई लोग अपने घरों में गणेश भगवान की प्रतिमा बैठाते हैं और उसकी प्राण प्रतिष्ठा करते हैं। गणेश चतुर्थी तक रतजगा, गणेश भगवान के भजन, अखंड दीपक और पूजा-पाठ चलता है। अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश भगवान को विदाई दी जाती है। इसी के साथ यह प्रार्थना भी की जाती है कि हे गणपति बप्पा अगले साल जल्दी आना। कुछ लोग गणेश चतुर्थी के पर्व को दो दिन और कोई पूरे दस दिन तक मनाते हैं। इसे गणेश महोत्सव भी कहा जाता है।

शुभ मुहूर्त और पूजा विधिभगवान गणेश जी की पूजा-अर्चना करने से परिवार में सुख, समृद्धि आती है और शांति बनी रहती है। सनातन धर्म में किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। यही वजह है कि गणेश चतुर्थी का भी विशेष महत्‍व है। इस बार यह 10 सितंबर को मनाई जाएगी। यह 9 सितंबर, रात 12 बजकर 17 मिनट पर चतुर्थी तिथि का प्रारम्‍भ होगा। वहीं 10 सितंबर की रात्रि 10 बजे तक इसका समय रहेगा। यह पर्व दस दिन तक हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद पूजा के स्‍थान और मंदिर को साफ कर लें। इसके बाद गणेश जी को दूर्वा घास अर्पित करें। श्री गणेश के प्रिय मोदक या लड्डू का भोग लगाएं। फिर गणेश जी की आरती की जाती है। सामग्रीमान्‍यता है कि विधिवत भगवान श्री गणेश की पूजा करने से भक्‍तों के कष्‍ट दूर होते हैं। पूजा के लिए गणेश जी की प्रतिमा, जल कलश, पंचामृत, लाल कपड़ा, रोली, अक्षत, कलावा जनेऊ, इलाइची, नारियल, चांदी का वर्क, सुपारी, लौंग पंचमेवा, घी कपूर, पूजा के लिए चौकी, लाल कपड़ा, गंगाजल पहले से इकट्ठा कर लें।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

spot_img
spot_img
spot_img

Stay Connected

22,024FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles

- Advertisement -spot_img
error: Content is protected !!