भोपाल, मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के जोबा गांव में एक महिला आईएएस अफसर और आईएफएस अधिकारी की शादी पुरे देश में बहुत चर्चा में है। मध्य प्रदेश की तपस्या परिहार की शादी इसलिए बेहद चर्चा में है क्योंकि उन्होंने कन्यादान कराने से इनकार कर दिया। तपस्या ने अपने पिता से कहा है कि मैं दान की चीज नहीं हूं, आपकी बेटी हूं। उन्होंने शादी में कन्यादान की रस्म नहीं कराई गौरतलब है कि तपस्या परिहार साल 2018 बैच की आईएएस अधिकारी है। उनका जन्म मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के जोवा गांव में हुआ है। नरसिंहपुर के केंद्रीय विद्यालय से तपस्या परिहार ने स्कूली पढ़ाई पूरी की है। इसके बाद पुणे स्थित इंडिया लॉ सोसाइटीज कॉलेज से उन्होंने कानून की पढ़ाई की। वहीं, उनके पिता विश्वास परिहार किसान हैं। यूपीएससी की तैयारी के लिए तपस्या ने दिल्ली में रहकर ढाई साल तक की थी. दूसरी कोशिश में उन्हें सफलता हाथ लगी है। वह समाज में समानता चाहती हैं। इस दौरान उनकी शादी वैदिक मंत्रों के साथ पूरे रीति रिवाज से संपन्न हुई। तपस्या ने शादी में कन्यादान की रस्म नहीं कराई।
आईएएस तपस्या परिहार का कहना है कि बचपन से ही उनके मन में समाज की इस विचारधारा को लेकर लगता था कि कैसे कोई मेरा कन्यादान कर सकता है, वो भी मेरी इच्छा के बगैर। यही बात धीरे-धीरे मैंने अपने परिवार से चर्चा की और इस बात को लेकर परिवार के लोग भी मान गए। फिर वर पक्ष को भी इसके लिए राजी किया और बिना कन्यादान दिए शादी हो गई। तपस्या का कहना है कि दो परिवार आपस में मिलकर विवाह करते हैं, तो फिर बड़ा, छोटा या ऊंचा नीचा होना ठीक नहीं, क्यों किसी का दान किया जाए और जब मैं शादी करने के लिए तैयार हुई तो मैंने अपने परिवार के सभी बड़े लोगों से चर्चा कर कन्यादान की रस्म को शादी से दूर रखने का फैसला किया गया।