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Sunday, April 6, 2025
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ब्रेकिंग: उत्तर प्रदेश के प्रमुख मुस्लिम चेहरों में शामिल रहे वसीम रिजवी इस्लाम धर्म छोड़कर आज से हिन्दू बने

  • आज गाजियाबाद के डासना मंदिर में महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने वसीम रिजवी को अनुष्ठान के बाद हिंदू धर्म ग्रहण कराया
  • वसीम रिजवी का नया नाम अब जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी होगा, रिजवी ने कहा था कि नरसिंहानंद गिरि महराज ही उनका नया नाम तय करेंगे

गाज़ियाबाद, उत्तर प्रदेश के प्रमुख मुस्लिम चेहरों में शामिल रहे वसीम रिजवी इस्लाम धर्म छोड़कर आज से हिन्दू बन गए हैं। आज गाजियाबाद डासना मंदिर में यति नरसिंहानंद सरस्वती द्वारा उन्हें सनातन धर्म में शामिल कराया गया है। डासना मंदिर में महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने उन्‍हें अनुष्ठान के बाद हिंदू धर्म ग्रहण कराया। इस दौरान महंत नरसिंहानंद ने कई तरह के अनुष्ठान भी किए।वसीम रिजवी ने कहा कि मुझे इस्लाम से बाहर कर दिया गया है, हमारे सिर पर हर शुक्रवार को ईनाम बढ़ा दिया जाता है, आज मैं सनातन धर्म अपना रहा हूं। वसीम रिजवी ने पहले ही घोषणा कर रखी थी कि वह सोमवार को इस्लाम छोड़ सनातन धर्म में शामिल होंगे। इस मौके पर यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा कि हम वसीम रिजवी के साथ हैं, वसीम रिजवी त्यागी बिरादरी से जुड़ें हैं। वसीम रिजवी का नया नाम अब हरबीर नारायण सिंह त्यागी होगा। धर्म परिवर्तन से पहले रिजवी ने कहा था कि नरसिंहानंद गिरि महराज ही उनका नया नाम तय करेंगे। धर्म परिवर्तन करने के बाद वसीम रिजवी ने कहा कि आज से वह सिर्फ हिंदुत्व के लिए काम करेंगे। उन्होंने कहा कि मुसलमानों का वोट किसी भी सियासी पार्टी को नहीं जाता है। मुसलमान केवल हिंदुत्व के खिलाफ और हिंदुओं को हराने के लिए वोट करते हैं।

ज्ञात हो कि कुछ दिन पहले ही वसीम रिजवी ने अपनी वसीयत जारी की थी। इस वसीयत में उन्‍होंने ऐलान किया था कि मरने के बाद उन्हें दफन करने की बजाए हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया जाए। उन्‍होंने यह भी कहा था कि यति नरसिम्हानंद उनकी चिता को आग दें। इस वसीयत के बाद वसीम रिजवी का एक वीडियो भी सामने आया था जिसमें उन्‍होंने खुद की हत्‍या की साजिश की आशंका जताई थी।                                                                             

उन्‍होंने कहा था कि उनकी गर्दन काटने की साजिश रची जा रही है। वसीम रिजवी ने कहा था कि उनका गुनाह सिर्फ इतना है कि उन्‍होंने कुरान की 26 आयतों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। वसीम रिजवी ने कहा था कि कुछ लोग उन्हें मारना चाहते हैं और इन लोगों ने घोषणा कर रखी है कि उनके मौत के बाद उनके पार्थिव शरीर को किसी कब्रिस्तान में में दफनाने नहीं दिया जाएगा. इसलिए उनके पार्थिव शरीर को श्मशान घाट में जलाया जाए। इसी वजह से उन्‍होंने हिंदू रीति रिवाज से खुद के अंतिम संस्‍कार की वसीयत की है।

शिया वक्‍फ बोर्ड के चेयरमैन रह चुके वसीम रिजवी काफी समय से कट्टरपंथियों के निशाने पर हैं। वे कट्टरपंथ के खिलाफ लंबे समय से खुलकर आवाज उठाते रहे हैं। कई बार उन्‍हें जान से मारने की धमकियां मिल चुकी हैं। कुछ समय पहले वसीम रिजवी ने कुरान के कथित रूप से विवादित 26 आयतों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट को याचिका दाखिल की थी। उनकी याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी थी। साथ ही उन पर 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया था।इसके बाद से वसीम रिजवी मुस्लिम संगठनों के निशाने पर हैं।

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