नई दिल्ली, एम्स के निदेशक डॉ.रणदीप गुलेरिया ने बताया आजकल बहुत ज़्यादा लोग सीटी स्कैन करा रहे हैं। जब सीटी स्कैन की जरूरत नहीं है तो उसे कराकर आप खुद को नुकसान ज़्यादा पहुंचा रहे हैं क्योंकि आप खुद को रेडिएशन के संपर्क में ला रहे हैं। इससे बाद में कैंसर होने की संभावना बढ़ सकती है। सीटी-एससीएन और बायोमार्कर का दुरुपयोग किया जा रहा है। हल्के लक्षण होने पर सीटी-स्कैन कराने में कोई फायदा नहीं है। एक सीटी-स्कैन 300 छाती के एक्स-रे के बराबर है, यह बहुत हानिकारक है: एम्स निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया
https://twitter.com/i/status/1389206076432601090 होम आइसोलेशन में रह रहे लोग अपने डॉक्टर से संपर्क करते रहें। सेचुरेशन 93 या उससे कम हो रही है, बेहोशी जैसे हालात हैं, छाती में दर्द हो रहा है तो एकदम डॉक्टर से संपर्क करें।
वायरस का म्यूटेंट कोई भी हो हम कोविड उपयुक्त व्यवहार रखें। वायरस इंसान से ही इंसान में फैल रहा है और ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल भी वो ही हैं।
ज्ञात हो डॉ रणदीप गुलेरिया रेमेडसिविर इंजेक्शन के बारे में भी पहले ही कह चुके हैं कि # रामेश्विर कोई रामबाण नहीं है। यह सिर्फ उन रोगियों को दी जानी चाहिए जो अस्पताल में भर्ती हैं, रिपोर्ट के मुताबिक मरीज की मध्यम और गंभीर स्थिति हो, जिनकी ऑक्सीजन से कचूरेशन 93 से कम हो रही हो: डॉ । रणदीप गुलेरिया , निदेशक, एम्स दिल्ली।