उत्तरकाशी। लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी मसूरी के 21 प्रशिक्षु आईएएस उत्तरकाशी के 15,419 फीट की ऊंचाई पर स्थित भराड़सर ताल ट्रैक पर बर्फ में पसीना बहा रहे हैं। प्रशिक्षु, उच्च हिमालयी क्षेत्रों में ट्रैकिंग और दूरस्थ गांव में कैम्पिंग का प्रशिक्षण ले रहे हैं।
लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी मसूरी में प्रशिक्षु आईएएस को प्रशिक्षण के दौरान उच्च हिमालयी क्षेत्रों में ट्रैकिंग और दूरस्थ गांवों में कैम्पिंग का प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रशिक्षण के दौरान आईएएस प्रशिक्षु दूरस्थ गांव में कैम्पिंग कर हिमालयी क्षेत्रों के जीवन यापन के बारे में जानकारी एकत्रित करते हैं। साथ ही भविष्य में ड्यूटी के दौरान किसी प्रकार की मुसीबत से निपटने के लिए ट्रैकिंग के गुर और बारीकियों सीखते हैं।
ट्रैकिंग एजेंसी के संयोजक कुलदीप रावत ने बताया कि टीम लीडर प्रमोद राणा के नेतृत्व में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी मसूरी के 21 प्रशिक्षु आईएएस इन दिनों 15,419 फीट की ऊंचाई पर स्थित भराड़सर ताल के सात दिवसीय ट्रैकिंग अभियान पर हैं। आईएएस प्रशिक्षुओं ने अभियान की शुरुआत मोरी तहसील के दूरस्थ कासला गांव से की, जहां पर ग्रामीणों ने उनका जोरदार स्वागत किया। कासला गांव में प्रशिक्षु आईएएस ने दूरस्थ गांव की परम्पराओं, रहन-सहन और खान-पान की बारीकी से जानकारी ली। उसके बाद प्रशिक्षु आईएसएस का दल सुराल जंगल पहुंचा, जहां पर एक रात कैम्पिंग कर जंगल मे जीवन यापन के बारे में सीखा।
अगले दिन प्रशिक्षु आईएएस 15,419 फीट की ऊंचाई पर स्थित भराड़सर ताल पर ट्रैकिंग कर पहुंचे, जहां पर प्रशिक्षुओं को अभियान के सबसे रोमांचकारी दौर से गुजरना पड़ा। प्रशिक्षु आईएएस ने बर्फबारी के बीच ट्रैकिंग और इस दौरान आने वाली मुसीबतों से निपटने के गुर सीखे।