देहरादून, ग्राम थेवा मालदेवता रायपुर में लगातार हाथियों ने उत्पात मचा रखा है। जंगली हाथियों के आतंक से एक बार फिर रायपुर क्षेत्र के लोग दहशत में आ गए हैं। रोज रात को आकर खेतो में गेहूं की फसलों को हाथियों द्वारा रौंद कर नुक्सान किया जा रहा है। गांव वालों का कहना है कि शासन प्रशासन को हमने कई बार सूचित किया है कोई सुनने को तैयार नहीं है और ऐसा इससे पहले भी कई बार हो चुका है। किसानों को नुकसान की चिंता सता रही है। ग्राम प्रधान भी इधर मदद के लिए नहीं आती हम किससे अपनी समस्या को लेकर बात करें, हमारे नुकसान की भरपाई आज तक शासन प्रशासन द्वारा कभी नहीं की गई है ग्रामीणों में इस बात को लेकर नाराजगी है।
ग्रामीणों के अनुसार रायपुर ब्लाक के मसूरी वन प्रभाग में हाथियों की आवाजाही फसलों के दौरान होती है। केसरवाला नदी पार जंगल में हाथियों ने ठौर बना रखा है। जंगली क्षेत्र में पानी और भोजन की कमी होने पर हाथी कई बार भटककर बस्तियों या आबादी से लगे खेतों व जलाशयों तक आ जाते हैं। रात होने के बाद खेतों में घुसकर खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। किसानों में काफी संशय बना हुआ है हाथी लगभग हरेक फसल के दौरान आ धमकते हैं। ऐन फसल के पकने के समय में फसलों को नुकसान पहुंचाया जाना गंभीर रूप से निराशाजनक है। किसानों ने शासन-प्रशासन से मुआवजा की मांग की है। हाथियों का दल लगातार क्षेत्र में विचरण कर रहा है। हाथी अब तक कई एकड़ में फैली फसलों को बर्बाद कर चुकें हैं। ग्रामीण तथा वन विभाग के लोग अपने तरीके से हाथी को भगाने कोशिश करते रहे हैं। वन विभाग के प्रावधानों के तहत प्रभावितों को मुआवजा दिया जाता है। निभाग वाले हर बार फसल का आंकलन कर के जाते हैं लेकिन आज तक कोई मुआवजा भी नहीं मिला जिन किसानों का नुकसान हुआ है उनमें प्रमुख रूप से राजेंद्र सिंह पवार, कबूल सिंह पवार, विक्रम सिंह पवार, वीरेंद्र सिंह पवार, रविचंद्र सिंह रमोला, संदीप पवार जय सिंह पवार और त्रिलोक सिंह रमोला आदि का ज्यादा नुकसान हुआ है। इस ओर सार्थक कदम उठाने की आवश्यकता है।