- अब जिला पंचायतों को अवंटित होगा सेनिटाइजेशन का बजट, मंत्री ने अधिकारियों को दिए निर्देश।
- कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने देहरादून के जिलापंचायत सदस्यों से वर्चुअल बैठक में जाना महामारी से बचाव तैयारियों का हाल।
देहरादून, 16 मई, देहरादून जनपद के कोविड उपचार व्यवस्थाओं के प्रभारी मंत्री तथा सैनिक कल्याण, औद्योगिक विकास, एमएसएमई तथा खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री गणेश जोशी द्वारा आज देहरादून जनपद के समस्त जिला पंचायत सदस्यों से वर्चुअल बैठक के माध्यम से सीधा संवाद कायम किया। काबिना मंत्री द्वारा जिला पंचायत के प्र्रभारी अधिकारी गणेश भट्ट को निर्देशित किया कि सेनिटाईजेशन का बजट सीधे जिला पंचायत सदस्यों को आवंटित किया जाए। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड जांच, कोविड उपचार किट की उपलब्धता, ग्रामीण क्षेत्रों में मौजूद अस्पतालों में उपचार सुविधाओं तथा टीकारण इत्यादि के बारे में जानकारी प्राप्त की तथा इस हेतु की गई व्यवस्था की समीक्षा की। बैठक में 20 से अधिक जिलापंचायत सदस्यों द्वारा प्रतिभाग किया गया। गणेश भट्ट द्वारा अवगत कराया गया कि अध्यक्ष मधू चैहान की माताजी के निधन होने के कारण वह बैठक से नहीं जुड़ पायी, जिस पर सभी सदस्यों एवं प्रभारी मंत्री ने पुण्य आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन धारण किया।
जिला पंचायत उपाध्यक्ष तथा चन्द्रोटी क्षेत्र से जिप सदस्य दीपक पुण्डीर ने कहा कि दूरदराज के क्षेत्रों जैसे कि – रिखोली, भितरली इत्यादि में कोरोना जांच की बहुत समस्या हो रही है। क्षेत्र में व्यापक सेनिटाईजेशन, उपचार किट व सेनिटाईजर इत्यादि की बेहद आवश्यता है। आस्थल से जिपं सदस्य वीर सिंह ने बताया कि उनके क्षेत्र में सहत्रधारा में एक आयुर्वेदिक अस्पताल है, जिस पर दूर दराज के लोगों की निर्भरता है परंतु वहां नियुक्त एक मात्र चिकित्सक की ड्युटी कोरोना कंट्रोल रूम में लगा दी गई है। उन्होंने मांग की कि आशाओं तथा फेसिलिटेटरों को 10-10 अतिरिक्त कोरोना उपचार किट उपलब्ध करवाई जानी चाहिए ताकि वह प्राथमिक लक्षणों वाले मरीजों को तत्काल उपचार किट उपलब्ध करवा सकें।
उत्पाल्टा, कालसी से जिपं सदस्य बबीता चैहान ने उपलब्ध करवाई जा रही उपचार किट में आक्सीमीटर, थर्मामीटर न होने, तथा क्षेत्र में मौजूद सीएचसी, पीएचसी में चिकित्सकों की अनुपलब्धता का मुद्दा उठाया। विकासनगर से जिपं सदस्य प्रशांत कुमार जैन ने सुझाव दिया कि क्षेत्र में साप्ताहिक तौर पर डाक्टरों की निगरानी में चिकित्सा व जांच शिविर संचालित किए जाएं। प्रशिक्षित एएनएम तथा आशा वर्करों, सामाजिक कार्यकर्ताओं व नागरिक संगठनांे के सहयोग से इसका फाॅलोअप किया जा सकता है। चकराता के मौना क्षेत्र से जिपं सदस्य मीरा जोशी ने भी क्षेत्र में मौजूद सी0एच0सी0, पीएचसी में चिकित्सकों की अनुपलब्धता का मुद्दा उठाया। थानो से जिपं सदस्य अश्वनी बहुगुणा ने बताया कि क्षेत्र के पीएचसी को एम्स द्वारा अधिग्रहित किया गया है परंतु कोई सुविधा नहीं दी जा रही है। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों के लिए विशेष टीकाकरण अभियान चलाने का अनुरोध किया। छिद्दरवाला से जिपं सदस्य रीना रांगण ने सेनिटाईजेशन तथा एम्स द्वारा मरीजों के साथ किये जा रहे उपेक्षित व्यवहार की शिकायत की। सहसपुर के शंकरपुर से जिपं सदस्य खेमलता नेगी ने टेस्टिंग सुविधा हेतु आग्रह किया।

आरा, कालसी से जिपं सदस्य गीता देवी ने बताया कि उनका क्षेत्र कालसी और विकास नगर से काफी दूरी पर हैं। अगर क्षेत्र में स्थित प्राथमिक चिकित्सालयों को साप्ताहिक तौर पर ही सही संचालित किया जाए तो काफी राहत मिलेगी। शेरपुर, शिमला रोड जिपं सदस्य राजेश बलूनी ने केन्द्रीयकृत सेनिटाईजेशन व्यवस्था की कमियों को उजागर करते हुए आग्रह किया किया कि यह धनराशि सदस्यों को आवंटित कर दी जाए। कुशालपुर सहसपुर से जिपं सदस्य नाजनीन ने भी अपने क्षेत्र की समस्याओं की जानकारी दी।
समस्त सदस्यों की बात सुनने के उपरांत प्रभारी मंत्री ने जिपं प्रशासक को निर्देशित किया कि चूंकि सम्मानित सदस्यगण क्षेत्र से अच्छी तरह से वाकिफ हैं इसलिए सेनिटाईजेशन का बजट सदस्यों को दिया जाए। वह शासकीय मद्द के साथ ही स्वयं के संसाधनों से भी जनता को सीधी राहत प्रदान करते हैं। टेस्टिंग तथा क्षेत्र में पहले से मौजूद अस्पतालों में चिकित्सकों की उपलब्धता हेतु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों से बात कर व्यवस्थ बनाई जाऐगी। जिलाधिकारी एवं संबंधित विभागों को स्पष्ट निर्देशित किया जाएगा कि टेस्टिंग, उपचार तथा सेनिटाईजेशन इत्यादि गतिविधियां संपादित करते समय वह क्षेत्र के सम्मानित जन प्रतिनिधियों से समन्वय अवश्य बनाएं ताकि उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम लाभ मिल सके।