देहरादून-ऋषिकेश , 16 नवम्बर शहीद राकेश डोभाल का आज राजकीय सम्मान के साथ ऋषिकेश के पू्रणानंद घाट में अंतिम संस्कार कर दिया गया। हजारों लोगों ने उनकी अंतिम यात्रा में शिरकत की। अंतिम यात्रा में उनकी अमर शहीद के अमर होने और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगे। विधानसभाध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रीतम सिंह, शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे, कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने आवास व श्मशान घाट पहुंचकर उनको श्रद्धांजलि दी। शहीद के छोटे भाई मयंक डोभाल ने उनको मुखाग्नि दी।
सोमवार को शहीद राकेश डोभाल का पार्थिव शरीर सड़क मार्ग से ऋषिकेश स्थित उनके आवास लाया गया। सुबह लगभग 8.30 बजे जैसे ही सीमा सुरक्षा बल की टीम पार्थिव शरीर लेकर गंगानगर कालोनी स्थित उनके आवास पहुंची, वहां कोहराम मच गया। शहीद की मां विमला और पत्नी संतोष सुधबुध खो बैठी। परिजनों और लोगों की आंखें नम हो गई गईं। भाइयों और रिश्तेदार भी अपने को नहीं रोक पाए। काफी समय तक उन्होंने खामोशी ओढ़ ली। बस आंखों से अश्रुधारा बहती रही। हालांकि बीएसएफ के अधिकारियों व कार्मिकों द्वारा ढांढस बंधाए जाने पर वे लोग थोड़ा संभले। सभी ने खुद को संभाला। शहीद की नौ साल की पुत्री दीत्या ने साहस, पराक्रम और संयम का प्रदर्शन किया। इस छोटी बच्ची ने अपनी मां और बुजुर्गों को संभाला। इस छोटी बच्ची की हिम्मत देखकर सभी अचंभित रह गये। मां विमला डोभाल और पत्नी संतोष समेत सभी परिजनों ने शहीद के अंतिम दर्शन किए। मां और पत्नी के वहां पर आने पर हृदय विदारक दृश्य देखने को मिला। एक मर्तबा फिर लोग फूट फूटकर रोने लगे। आवास के बाहर भी बीएसएफ और पुलिस ने उनको सलामी दी। उनके अंतिम दर्शन के लिए लोगों का तांता लग गया। वहां पर पैर रखने की भी जगह नहीं थी। हालांकि लोगों ने अनुशासन बनाए रखा। बच्चें, किशोर, युवा,बुजुर्ग और बड़ी संख्या में महिलाएं पहुंची। गंगानगर कालोनी से लेकर श्मशान घाट लोग पंक्तिबद्ध होकर खड़े थे। जैसे जैसे अंतिम यात्रा बढ़ती रही लोग शहीद राकेश अमर रहें, हिंदुस्तान जिंदाबाद और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाते रहे। ऋषिकेश के शहरी ही नहीं बल्कि ग्रामीण इलाकों से भी लोग उनके अंतिम दर्शन को पहुंचे।-
पुत्री दीत्या ने दिखाया गजब का साहस
शहीद राकेश डोभाल की पुत्री दीत्या उनका पार्थिव शरीर देखकर भावुक हो गई। लेकिन उसके बाद बच्ची ने खुद को संभालने के साथही मां और दादी को सहारा दिया। उनको ढांढस बंधाया। इसके बाद उसने अपने पिता की शहादत पर फख्र व्यक्त किया। साथ ही साथ भारत माता की जय के नारे भी लगाए। नौ साल की बच्ची लोगों को सांत्वना देने के साथ ही उनको धीरज दिया।
शहीद प्रदीप रावत के पिता भी आत्मीय भाव से जुटे रहे
शहीद राकेश डोभाल के बड़े भाई दिनेश डोभाल ने जानकारी दी कि देर शाम तक लोगों को आना जारी है। ऋषिकेश समेत गढ़वाल के दूरस्थ इलाकों से लोगों का पहुंचना और उनका शोक संदेश पहुंच रहा है। वह कहते हैं कि शहीद राकेश की शहादत सूचना मिलने पर सूबेदार मेजर (रिटायर्ड) कुंवर सिंह रावत भी पहुंचे। उनके पुत्र प्रदीप रावत 2018 में शहीद हो गये थे। वह चार दिनों से परिजनों को सांत्वना देने में जुटे हैं। इसके साथ ही दूसरे तरह का सहयोग दिया है।