* भगवान तुंगनाथ के कपाट बुधवार को शीतकाल के लिए हो गए थे बंद
* चोपता और भनकुंड में रात्रि प्रवास के बाद आज मक्कूमठ पहुंची उत्सव डोली
रुद्रप्रयाग। पंचकेदारों में तृतीय बाबा तुंगनाथ आज मक्कूमठ स्थित मार्कंडेय मंदिर में अपनी शीतकालीन गद्दी पर विराजमान हो गए। श्रद्धालु शीतकाल में छह महीने अपने आराध्य की पूजा-अर्चना और दर्शन इसी स्थान पर कर सकेंगे।
इससे पहले बुधवार को बाबा तुंगनाथ के स्यंभू शिवलिंग की समाधि पूजा के बाद तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंदकर बाबा की उत्सव डोली अपने प्रथम पड़ाव चोपता पहुंची। गुरुवार सुबह चोपता स्थित भूतनाथ मंदिर में मक्कूमठ के पंच पुरोहितों ने भगवान तुंगनाथ को भोग लगाकर आरती उतारी तथा विशेष पूजा-अर्चना की। सुबह 8.30 बजे बाबा तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली ने शीतकाल गद्दीस्थल मक्कूमठ के लिए प्रस्थान किया। भनकुंड में रात्रि प्रवास के बाद उत्सव डोली शुक्रवार को दोपहर ढाई बजे मक्कुमठ पहुंची। रास्ते में डोली का जगह-जगह अक्षत और फूलों से जोरदार स्वागत हुआ। बाबा की जय-जयकार से तुंगनाथ घाटी का वातावरण गुंजायमान हो उठा। लाल-पीले वस्त्रों में सजे श्रद्धालुओं ने बाबा से क्षेत्र की खुशहाली की कामना की। उत्सव डोली को शीतकालीन गद्दीस्थल मार्केण्डेय मंदिर में भी श्ऱद्धालुओं जोरदार स्वागत किया।
उत्सव डोली के साथ मठापति राम प्रसाद मैठाणी, गीता राम मैठाणी, अतुल मैठाणी, प्रकाश चंद्र मैठाणी, सुरेंद्र प्रसाद मैठाणी, पूर्व विधायक आशा नौटियाल, प्रबंधक प्रकाश पुरोहित, प्रधान महावीर सिंह नेगी, सुरेशानंद सेमवाल, राकेश नौटियाल, रमेश नौटियाल, राजेंद्र प्रसाद, आरके नौटियाल, वीरेंद्र सिंह, राजकुमार नौटियाल समेत सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे।