देहरादून, जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव 2022 करीब आ रहे हैं वैसे-वैसे कांग्रेस पार्टी में एक-एक सीट के लिए घमासान मचा हुआ है। महिला कांग्रेस और युवा कांग्रेस ने भी कई सीटों पर टिकट के लिए महिला एवं युवा चेहरों को देने की मांग उठाई है। जिससे आने वाले दिनों में कांग्रेस के भीतर टिकट के लिए लड़ाई बड़ी दिलचस्प हो गई है।
दरअसल अभी तक का उत्तराखंड के चुनावों का इस तरह का ट्रेंड रहा है कि 5 साल बीजेपी और 5 साल कांग्रेस का रहता है, इस ट्रेंड को देखते हुए इस बार कांग्रेस मान कर चल रही है कि अबकी बार कांग्रेस की सरकार। इसके चलते कांग्रेस के कार्यकर्त्ता ये मान कर चल रहे है कि 2022 में जिस किसी को भी विधानसभा टिकट मिलता है वो खुद बी खुद इस वैतरणी को आसानी से पार कर जाएंगे। ऐसे में कांग्रेस के प्रत्येक नेता को लग रहा है कि इस बात जनता फिर से सत्ता परिवर्तन करेगी और सत्ता में कांग्रेस ही आयेगी। इस उम्मीद में हर छोटा बड़ा छोटा कार्यकर्त्ता भी टिकट के सपने देख रहा है।
उत्तराखण्ड में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होते ही टिकट के दावेदारों की बेचैनी बढ़ गई है। कांग्रेस के नेता दावा कर रहें है कि पार्टी ने अब तक 45 सीटों पर प्रत्याशी तय कर लिये है। 15 जनवरी तक पहली सूची जारी कर दी जाएगी। सूत्रों की माने तो कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी ने फिलहाल 25 सीटों पर टिकट लगभग तय हैं।
युवक कांग्रेस भी दो धड़ों में बंटे होने से कई बार दोनों गुटों की लड़ाई खुलकर सामने भी आई थी। लेकिन फिर भी युवा कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सुमित्तर भुल्लर हरिद्वार से,युवक कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष एडवोकेट संदीप चमोली देहरादून के धर्मपुर, युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बिक्रम सिंह रावत कुमाऊं, राकेश नेगी सहसपुर व भूपेंद्र नेगी रायपुर से टिकट मांग रहे हैं। इसी प्रकार आठ अन्य युवा कांग्रेसी भी अपने-अपने क्षेत्रों से टिकट की पुरजोर मांग कर रहे हैं। ऐसे में पार्टी हाइकमान किस पर दांव खेलता है, यह जल्द ही पता चल जाएगा।सामना करना पड़ रहा है। कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन अश्वनी पांडे का दावा है कि अब तक 40 सीटों पर प्रत्याशियों का पैनल तैयार कर लिया गया है। वहीं कांग्रेस में इस चुनाव में पूर्व एमएलए, सिटिंग एमएलए के अलावा अल्पसंख्यक, युवा व महिला कांग्रेस भी अपने कोटे की सीट मांग रही हैं। आजकल प्रियंका गाँधी का एक नारा “लड़की हूँ लड़ सकती हूँ” और कांग्रेस महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा टिकट देंगे। ये आजकल कांग्रेस के गले पड़ा हुआ है और पार्टी के लिये सर दर्द बना हुआ है।
बताया जा रहा है इसके दिल्ली में कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक होने जा रही है जिसमें कुछ सीटों पर तय नामों पर अंतिम मुहर लगने की संभावना जताई जा रही है। 2017 के विधानसभा विजय हुए प्रत्याशियों के अलावा मार्जन से हारने वाले नेताओं को भी टिकट दिये जाने की बात सामने आई है। कुछ सीटों पर हरीश रावत-प्रीतम सिंह समर्थक भी आमने-सामने है। अगर इन विधानसभा सीटों पर टिकट वितरण में लापरवाही गई तो कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ सकता है। पार्टी हर सीट पर जिताऊ प्रत्याशी को उतारने का ऐलान पहले ही कर चुकी है लेकिन कांग्रेस के गुटों में बाटे हुए नेता अपने समर्थकों को चुनाव में तैयारी करने को कह कर टिकट की आस जगा चुकी है। अब देखना यह होगा कि कांग्रेस कब तक टिकट फाइनल करती है और तैयारी में लाखों रुपए बहा चुके कार्यकर्ता नेता टिकट न मिलने पर चुपचाप बैठ जायेंगे, बगावत कर चुनाव नहीं लड़ेंगे।
कुछ विधान सभा क्षेत्रों में 15 -20 कार्यकर्त्ता टिकट मांग रहे हैं कांग्रेस हाईकमान के लिए इन विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी तय करना सर दर्द बन गया है। जिनमे अभी दिग्गज 8 बार के अजेय हरबंस कपूर के निधन से खाली हुई देहरादून कैंट के आलावा डोईवाला, राजपुर, धरमपुर, रायपुर, मसूरी, सहसपुर, हरिद्वार ग्रामीण, खानपुर, ज्वालापुर,रामनगर, नैनीताल, टिहरी, रूद्रप्रयाग, ऋषिकेश, धनौल्टी, बाजपुर, सल्ट, डीडीहार्ट, चौबट्टा खाल, रूड़की, झबरेड़ा, भीमताल, गदरपुर, सितारगंज आदि मुख्य संजीव आर्य के पार्टी ज्वाइन करने से नैनीताल सीट में भी पेंच फंस गया है और सरिता आर्य ने भी ताल ठोक दी है।